क्या है G-7, जिसमें हिस्सा ले रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कश्मीर पर भी होगी बात

जी-7 में हिस्सा लेने फ्रांस पहुंचे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी


विश्व के शीर्ष नेताओं के बीच कश्मीर के मुद्दे पर भी होगी बातचीत


24 से 26 अगस्त 2019 तक चलेगा जी-7 शिखर सम्मेलन



 

इस बार भारत को भी जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। 24 से 26 अगस्त तक फ्रांस में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा ले रहे हैं। पहली बार भारत को साल 2003 में जी 7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। तब भी यह सम्मेलन फ्रांस में ही आयोजित किया गया था।

इस बार फ्रांस के बियारिज में इस सम्मेलन का 45वां संस्करण होने जा रहा है। इसमें दुनिया के टॉप लीडर्स के बीच कश्मीर के मुद्दे पर भी चर्चा होने वाली है। अब सवाल ये है कि ये जी-7 है क्या? जी-7 समिट क्या है? कौन-कौन से देश इसके सदस्य हैं? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको आगे बता रहे हैं। 


जी-7 दुनिया के सात सबसे विकसित और औद्योगिक महाशक्तियों का संगठन है। इसे ग्रुप ऑफ सेवेन (G7) के नाम से भी जाना जाता है।


इस संगठन में जो देश शामिल हैं - 



संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
फ्रांस
यूनाइटेड किंगडम (UK)
कनाडा
इटली
जर्मनी
जापान
जी7 शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ भी प्रतिनिधित्व करता है।

1970 के दशक में जब वैश्विक आर्थिक मंदी और तेल संकट बढ़ रहा था, तब फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति बैलेरी जिस्कॉर्ड डी एस्टेइंग ने जी-7 की आधारशिला रखी। 1975 में जी-7 का गठन हुआ। तब इसमें सिर्फ 6 संस्थापक देश थे। कनाडा इसमें शामिल नहीं था।


यह सम्मेलन पहली बार 1975 में ही फ्रांस की राजधानी पेरिस के पास स्थित शहर रम्बोइले में हुआ था।


1976 में कनाडा को इस समूह में शामिल किया गया। तब जाकर इस समूह का नाम जी7 रखा गया।


जी-7 एक अनौपचारिक संगठन है। इसका न तो कोई मुख्यालय है, न ही चार्टर या सचिवालय।


जी-7 में किस तरह के मुद्दों परो होती है चर्चा?





 



जी-7 की परंपरा रही है कि जिस देश में यह सम्मेलन आयोजित किया जाता है वही इसकी अध्यक्षता करता है। साथ ही मेजबान देश ही सम्मेलन में किन मुद्दों पर बात होगी, इसका निर्धारण भी करता है।


जी-7 के वार्षिक शिखर सम्मेलन में दुनिया के अलग-अलग ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होती है। साथ ही उसका समाधान तलाशने की कोशिश की जाती है।


जी-7 में शामिल देशों में क्या है खास


जी-7 में जो देश शामिल हैं, वे कई मामलों में दुनिया में शीर्ष स्थान पर कायम हैं। ऐसी कुछ चीजों के बारे में हम यहां बता रहे हैं - 

ये देश दुनिया में सबसे बड़े निर्यातक हैं।


इन देशों के पास सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व है।


ये देश यूएन के बजट में सबसे ज्यादा योगदान देते हैं।


ये सभी सात देश दुनिया में सबसे बड़े स्तर पर परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy) का उत्पादन करते हैं।


जी-7 में और किन संस्थाओं को बुलाया जाता है?


जी-7 बनने के बाद इसके शुरुआती दौर में इसमें शामिल सात देश ही इसके सम्मेलनों में भाग लेते थे। लेकिन 1990 के दशक के अंतिम दौर में एक नई परंपरा शुरू हुई। जी-7 के सम्मेलनों में कई अन्य संस्थाओं को भी बुलाया जाने लगा। जिन संस्थाओं को इसके सम्मेलनों में बुलाया जाता है, वे हैं-


  • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)

  • विश्व बैंक (World Bank)

  • अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency)

  • वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन

  • यूनाइटेड नेशंस

  • अफ्रीकन यूनियन


इसके अलावा जी-7 के सम्मेलनों में समय-समय पर अन्य देशों को भी आमंत्रित किया जाता रहा है। ऐसे देश जो आर्थिक रूप से प्रगति कर रहे हों।

इस बार किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा



  • कश्मीर मुद्दा

  • ग्लोबल कॉर्पोरेट टैक्स कोड

  • ईरान व अमेरिका के बीच तनाव

  • जलवायु आपातकाल

  • भारत का परमाणु प्रोजेक्ट

  • आतंकवाद

  • यूक्रेन मामले का समाधान