कुष्ठ रोगियों के इलाज में कारगर साबित हो रहा एमडीटी   जागरूकता के चलते खत्म हो रही हैं भ्रांतियाँ 

मुजफ्फरनगर, 5 अगस्त, 2019। कुष्ठ रोगियों के लिए मल्टी ड्रग्स ट्रीटमेंट (एमडीटी) कारगर साबित हो रहा है। इससे इलाज का रोगियों पर असर जल्दी नजर आता है। जिले में कुष्ठ रोगियों को निशुल्क इलाज मिलता है। इसके अलावा उन्हें सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जाती हैं। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डा. अनिल जैन ने बताया कि इस रोग के प्रति फैली भ्रांतियां भी अब धीरे-धीरे कम हो रही हैं। सरकारी प्रयासों से लोगों में जागरूकता आयी है।


डा. जैन ने कहा कि कुष्ठ रोग वंशानुगत नहीं है। यह छूआछूत से फैलने वाला रोग भी नहीं है। माइको बैक्टिरियम लेप्राई और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटासिस जैसे जीवाणुओं की वजह से यह रोग होता है। यह मनुष्यों में विकलांगता का एक बड़ा कारण बन जाता है। आंखों, हाथों तथा पैरों में विकलांगता पैदा करता है। एमडीटी के नियमित उपचार से कुष्ठ रोग पूर्ण रूप से सही हो जाता है। कुष्ठ रोग की जांच जिला अस्पताल सहित सामुदायिक,  प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी  नि:शुल्क की जाती है। विभाग की ओर से मरीजों को बैसाखी, स्पिलंट एमसीआर चप्पलें भी नि:शुल्क प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा मरीजों को आपरेशन के दौरान सरकार की ओर से चार किस्तों में 8000 रूपये  प्रदान किये जाते हैं। 
कुष्ठ रोग निवारण के लिए विभाग की एक दर्जन से अधिक टीमें आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कार्य कर रही हैं। लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक किया जा रहा है। डा. जैन ने बताया वर्ष 2019 में 115 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें बच्चे, युवा, महिलाएं व बुजुर्ग सभी हैं। इन सभी का उपचार किया जा रहा है।  
 


ऐसे होता है उपचार -
 कुष्ठ रोग अधिकारी ने बताया कुष्ठ रोग का उपचार दो तरह से किया जाता है। अगर किसी रोगी के शरीर पर 1 से 5 चकत्ते  हैं या एक नस ब्लॉक है तो उसका छ माह का इलाज किया जाता है। अगर किसी रोगी के शरीर में पांच से अधिक चकत्ते  हैं या दो नस ब्लॉक हैं तो 12 माह का उपचार किया जाता है। दोनों प्रकार के मरीजों को पहली खुराक चिकित्सक के सामने खानी होती है। उसके बाद 28 दिन की दवा का सेवन करना होता है। 
  उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोगियों को उपचार के दौरान बैसाखी, स्पिलंट, एमसीआर चप्पलें नि.शुल्क प्रदान की जाती है। फिजियोथेरपी के लिए मरीज को प्रथम किस्त के रूप में 4000 रूपये, दूसरी व तीसरी बार 2000-2000 रूपये दिये जाते हैं। यह धनराशि मरीज के खाते में सीधे भेजी जाती है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग से विकलांग हुए मरीजों को सरकार की ओर से पेंशन के रूप में प्रति माह 2500 रूपये दिये जाते हैं। इसके लिए उन्हें विकलांगता का सर्टिफिकेट स्वास्थ्य विभाग में जमा करना होता है