कुपोषण दूर करने के लिए अब स्कूलों में बनेगी पोषण वाटिका   महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत खर्च होगी धनराशि 

मेरठ, 20 अगस्त, 2019। कुपोषण को जड़ से समाप्त करने के लिए पोषण अभियान के तहत अब सरकारी विद्यालयों में पोषण वाटिका बनायी जाएगी। पोषण वाटिका उन्हीं स्कूलों में बनायी जाएगी, जहां पर पर्याप्त भूमि एवं सुरक्षा के लिए बाड़े की व्यवस्था होगी। पोषण वाटिका बनाने के लिए महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना के तहत धनराशि को खर्च किया जाएगा। पोषण अभियान के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने सभी जनपदों के जिला अधिकारियों को इस बारे में पत्र प्रेषित किया है। 
  पत्र में कहा गया है कि बच्चों को मौसमी सब्जियों की उपयोगिता एवं पोषण तत्वों के बारे में बताना तथा उनकी जानकारी बढ़ाना ही पोषण वाटिका का प्रमुख उद्देश्य है। स्वयं सहायता समूहों से भी पोषण वाटिका बनायी जा सकती है। पोषण वाटिका लगाने के लिए उद्यान विभाग स:शुल्क बीज एव पौधे उपलब्ध करायेगा। बीज व पौधे के मूल्य के साथ साथ पोषण वाटिका में आवश्यक मजदूरी का भुगतान ग्राम प्रधान मनरेगा (महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना) से करेंगे। इस पोषण वाटिका से कुपोषित किशोर -किशोरियों के ऐसे परिवार को भी सब्जी उपलब्ध करायी जाएगी जो परिवार सब्जी नहीं खरीद पाते। एक बार पोषण वाटिका बन जाने से उसके रख रखाव की व्यवस्था प्रधानाध्यापक व शिक्षकों की होगी। पोषण वाटिका में पैदा होने वाली सब्जियों को बच्चों को मध्याहन भोजन में परोसा जाएगा। 
 जिला विद्यालय निरीक्षक ग्रिजेश कुमार ने बताया कि शासन के निर्देश के क्रम में पोषण वाटिका बनाने के लिए विद्यालयों के चयन की प्रक्रिया आरंभ हो गयी है। अन्य विभागों से समन्वय स्थापित करने के लिए कहा गया है। सीडीओ ने बताया शासनादेश के मुताबिक पोषण वाटिका बनाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है। संबधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य आरंभ करें।  
 किन विद्यालय में बन सकती है पोषण वाटिका 
 पोषण वाटिका में सिंचाई के लिए जल स्त्रोत उपलब्ध हो ,बलुई मिटटी, सूर्य की किरणें पड़ती हो, जहां पर 200-300 एवं 400 वर्ग मीटर भूमि हो। उन विद्यालय में पोषण वाटिका बन सकेंगी। 
 इन विभागों की होगी सहभागिता 
    जिले में विद्यालये में खुलने वाली पोषण वाटिका के लिए बेसिक शिक्षा विभाग,  माध्यमिक शिक्षा ,पंचायती राज, ग्राम एवं विकास विभाग, उद्यान विभाग, खाद्य प्रसंस्करण विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की सहभागिता होगी।