बाप ने की सारी हदें पार, अपनी ही बेटियों से 16 साल से कर रहा था रेप, मां भी देती थी साथ
एक बाप ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। वह 15 साल से अपनी दो बेटियों से दुष्कर्म करता रहा। मामले का खुलासा तब हुआ जब बड़ी बेटी ने पत्र लिखकर 181 आशा ज्योति केंद्र से दोनों बहनों को हैवान पिता के चंगुल से बचाने की गुहार लगाई। 
बेटियों की गुहार पर केंद्र की टीम ने रविवार को देर शाम दोनों को उनके घर से रेस्क्यू कर लिया। दोनों पीड़ित बहनों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश किया गया। समिति ने पिता के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दे दिया।

बेटियों की तहरीर पर लखनऊ के चिनहट थाने में पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। देर रात तक पुलिस दबिश देती रही।


6 साल की थी तब से करता था गंदी हरकत



आशा ज्योति केंद्र की एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर अर्चना सिंह ने बताया कि पीड़ित बच्चियों का पिता ठेकेदारी करता है। बड़ी बेटी की उम्र 22 साल है और वह ग्रेजुएशन कर रही है। उसने 11 अगस्त 2019 को केंद्र को पत्र लिखकर बताया था कि जब वह छह साल की थी तभी से पिता उसके साथ गंदी हरकतें करने लगा था।

समय के साथ यह सिलसिला बढ़ता ही गया। खास बात है कि यह सबकुछ मां की आंखों के सामने होता रहा, लेकिन वह खामोश रही। पीड़िता का कहना है कि कक्षा नौ में पढ़ने वाली छोटी बहन के साथ भी पिता ने वही सब शुरू कर दिया।

डीपीओ सुधाकर शरण पांडेय ने बताया कि रेस्क्यू कराई गई लड़कियों के बयान के आधार पर पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की सूचना संबंधित थाने को दी जा चुकी है। प्रभारी निरीक्षक चिनहट सचिन कुमार सिंह के मुताबिक, आरोपी पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।




5-6 बार हुई गर्भवती



पीड़िताओं ने बताया कि मां उनके विरोध करने पर धमकाती थी। वहीं पिता की हरकतों पर रोक लगाने के बजाए मदद करती थी। आशा ज्योति केंद्र को लिखे पीड़िता के पत्र के मुताबिक, पिता की हरकतों की वजह से वह 5-6 बार गर्भवती हुई, लेकिन मां ने हर बार गोली खिलाकर मुंह बंद करा दिया।

इसकी शिकायत उसने ननिहाल में भी की, लेकिन सभी ने बदनामी का डर दिखाकर चुप करा दिया। पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने हमें आवाज उठाने की हिम्मत दी पर कोई सहारा न मिलने पर हम चुप रहीं। आशा ज्योति केंद्र की प्रभारी अर्चना सिंह के मुताबिक, कवच कार्यक्रम के दौरान हम लोग एक स्कूल में पहुंचे थे, तब पीड़ित बड़ी बहन ने हमसे अपनी समस्या बताई थी।

उसके बाद हमें पत्र लिख कर खुद को छोटी बहन को न्याय दिलाने की गुहार लगाई थी।