अक्ल का सही इस्तेमाल करने वाला सबसे अफ़जल होता है-मौलाना नज़र अब्बास 

अक्ल का सही इस्तेमाल करने वाला सबसे अफ़जल होता है-मौलाना नज़र अब्बास 
हुसैन की मुहब्बत का सदका है जो उनके चाहने वालो को कब्र में भी खौफ नहीं होता-मौलाना सईदुल हसन 

बाराबंकी । अक्ल का सही इस्तेमाल करने वाला सबसे अफ़जल होता है ।अक्ल का सही इस्तेमाल न करने वाला जानवर से बत्तर होता है । यह बात मस्जिद इमामिया में आली जनाब मौलाना नज़र अब्बास साहब क़िबला ने ईसाले सवाब की मजलिस को खिताब करते हुए कही । उन्होंने यह भी कहा कि कुरआन कानूने हयात है एक एक आयात पर ग़ौरो फ़िक्र कर अपनी ज़िन्दगी में उतारना चाहिए । वही कर्बला सिविल लाइन में जर्रार हैदर आब्दी इब्ने आले मोहम्मद आब्दी की चालीसवे की मजलिस को खिताब करते हुए आली जनाब मौलाना सईदुल हसन ने कहा-हुसैन की मुहब्बत का सदका है जो उनके चाहने वालो को कब्र में भी खौफ नहीं होता। आखिर में कर्बला वालो के मसायब बयान किये जिसे सुनकर मोमनीन रो पड़े । मस्जिद इमामिया में मजलिस से पहले डॉ रज़ा मौरान्वी ने पढ़ा-कोई चेहरा न था इस्लाम का बादे हैदर,हक़ तो शब्बीर के इंकार से पहचाना गया । कलीम आज़र ने पढ़ा-अब्बास से हुई जो नज़र चार घाट पर ,ठहरी सिपाहे शाम न सरदार घाट पर । सरवर अली रिज़वी ने पढ़ा-पहुंचे पलक झपकते ही अब्बास नहर पर ,हैदर की तरह घोड़े को रानो में दाब कर । इसके अलावा अयान रिज़वी ने भी नज़रानये अकीदत पेश किया । मजलिस का आगाज तिलावते कलाम पाक से तालिब मेहंदी ज़ैदी ने किया ।बानियाने मजलिस ने सभी का शुक्रिया अदा किया ।