आपदा प्रबन्धन पर तीन दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

बाराबंकी जिला ग्राम्य विकास संस्थान, कादिरपुर, जहांगीराबाद बाराबंकी में चल रहे प्रशिक्षणों का जायजा लेने आदरणीय महानिदेशक एल वेंकटेश्वर लू दीन दयाल उपाध्याय, राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब लखनऊ 22 अगस्त को संस्थान पहुॅचे। इस अवसर मुख्य विकास अधिकारी मेधा रूपम, उपायुक्त(स्वतः रोजगार) सुनील कुमार तिवारी, जिला प्रशिक्षण अधिकारी डाॅ0सीमा राठौर एवं लखनऊ से आपदा प्रशिक्षण देने आये हुए स्टेट ट्रेनिंग कमिश्नर अरविन्द श्रीवास्तव मौजूद थे। महानिदेशक ने उपस्थित सभी अधिकारियों से पशुपालन, आयुर्वेद एवं सब्जी/उद्यान वाटिका के बारे में चर्चा की। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवासों में एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत सहजन के पौधे लगाए गये है।
महानिदेशक ने लेखपालों के तीन दिवसीय आपदा प्रबन्धन प्रशिक्षण में आए हुए प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपदा प्रबन्धन के दौरान, उनसे जनित बीमारियों/महामारियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। आपदा प्रबन्धन के लिए जरूरी है कि हमें सबका सहयोग मिले। उसके लिए हमें ऐसे प्रतिनिधि चुनना होगा जो काम करने में इच्छुक हो, सक्षम हो तभी सुधार सम्भव है। प्रतिभागियों ने भी चर्चा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और बताया कि समस्त विभाग महीने में एक बार अवश्य इकट्ठा हो ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बेहतर समन्वय स्थापित हो सके।
संस्थान पर चल रहे एनआरएलएम के अन्तर्गत आईसीआरपी रिफ्रेशर प्रशिक्षण में महिलाओं ने समूह गठन में आने वाली समस्याओं/कठिनाईयों के बारे में चर्चा की। महानिदेशक ने सीआरपी महिलाओं से समूह की महिलाओं को जाॅब कार्ड, पेंशन आदि लाभ दिलवाने के लिए कहा कि बीडीओ एवं एडीओ को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं आशा की भी मदद ली जा सकती है। समूह मंे जुड़कर महिलाओं के जीवन में क्या परिवर्तन होते है उस पर भी चर्चा हुई, किशोरियों एवं माताओं के स्वास्थ्य पर भी बल दिया गया।
अन्त में महानिदेशक ने जिला प्रशिक्षण अधिकारी डा0सीमा राठौर को संस्थान के समस्त स्टाफ के साथ एवं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें प्रतिभागियों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।