२०२५ तक देश को टीबी मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग सक्रिय दो और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर शीघ्र मिलेगी बलगम जांच की सुविधा अभी पांच पीएचसी पर है यह सुविधा  

नोएडा, १७ अगस्त, २०१९। प्रधानमंत्री के २०२५ तक देश को टीबी से मुक्त कराने के संकल्प को देखते हुए टीबी विभाग ने भी कमर कस ली है। अब दो और नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) पर बलगम जांच के लिए डिजेगनेटेड माइक्रो स्कोपिक सेंटर (टीबी जांच केन्द्र) खोले जाएंगे। इसके लिए लैब टेक्नीशियन को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। घर के नजदीक जांच केन्द्र खुलने से अब लोगों को बलगम की जांच के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। 
 जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीश जैन ने बताया कि शहर में काफी संख्या में डॉट केन्द्र कार्य कर रहे हैं। जिले में नेशनल अरबन हेल्थ मिशन की १५ पीएचसी हैं। हालांकि सभी पीएचसी पर टीबी मरीजों के उपचार की व्यवस्था है, लेकिन जांच की सुविधा सभी पर नहीं है। अभी केवल ५ नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों बरौला, दादरी, सूरजपुर, होशियारपुर, चिपियाना पर बलगम जांच की सुविधा हैं। अब शीघ्र ही तुगलपुर व रायपुर पीएचसी पर बलगम जांच केन्द्र शुरू हो जाएगा। यहां जांच के सभी जरूरी उपकरण आ चुके हैं। इसके लिए लैब टेक्नीशियन को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।


उन्होंने बताया कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में टीबी होने की सबसे ज्यादा आंशका होती है। लोग टीबी होने के बाद भी जांच कराने में संकोच करते हैं। वह चिकित्सकों के पास जाना पसंद नहीं करते हैं। नजदीक में बलगम जांच केन्द्र खुलने से टीबी के मरीज जांच कराने आ जाएंगे। इससे विभाग टीबी मरीजों का आसानी से पता लगा सकेगा। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि किसी भी व्यक्ति को दो सप्ताह से लगातार खांसी आ रही हो तो वह अपने पास के केन्द्र पर जाकर अपने  बलगम की जाँच मुफ़्त में कराए और टीबी पाये जाने पर मुफ़्त में इलाज़ कराये।  साथ ही इलाज के दौरान ५०० रुपये की धनराशि प्रति माह नि:क्षय पोषण  योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से पाये। यह राशि टीबी रोगियों के खाते में सीधे भेजी जाती है। 


डा. जैन ने बताया कि इस समय जनपद में सामान्य टीबी के ४१५२ मरीज सराकारी अस्पतालों और २०२३ मरीज प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। इसके अलावा मल्टी ड्रग रजिस्टेंस (एमडीआर) टीबी के २०९ मरीज तथा एक्स्ट्रा ड्रग रजिस्टेंस (एक्सडीआर) टीबी के १३ मरीजों का इलाज चल रहा है।  यह आंकड़ा एक जनवरी से ३१ जुलाई २०१९ तक का है।