विश्व स्तनपान सप्ताह एक अगस्त से  शिशु के लिये स्तनपान सर्वोत्तम आहार 

मेरठ ।  मां का दूध शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी है। मां का दूध शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से भी बचाता है। इसी परिपेक्ष में आगामी 1 से 7 अगस्त तक मेरठ समेत पूरे प्रदेश में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजकुमार ने स्तनपान सप्ताह मनाने के लिये विभाग को दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं। 
 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश के मिशन निदेशक पंकज कुमार ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों  को  जारी दिशा निर्देश में कहा है कि बच्चों के सर्वांगीण मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिये स्तनपान अत्यंत आवश्यक है। इसका शिशु एवं बाल जीवितता पर अहम प्रभाव पड़ता है। आंकड़े बताते हैं कि जिन शिशुओं को जन्म के 1 घंटे के अंदर स्तनपान नहीं कराया जाता है, उनमें नवजात मौत की दर 33 प्रतिशत अधिक रहती है । 6 माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान कराने पर आम रोग जैसे दस्त एवं निमोनिया के खतरे में क्रमश: 11 प्रतिशत व 15 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है। 2016  की रिपोर्ट के अनुसार अधिक समय तक स्तनपान करने वाले बच्चों की बुद्घि उन बच्चों की अपेक्षा अधिक होती है, जिन्हें मॉ का दूध थोड़े समय के लिये प्राप्त होता है। स्तनपान स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु को भी कम करता है। नवजात को कुपोषण से बचाने के लिये जन्म के 1 घंटे के भीतर नवजात को स्तनपान प्रारंभ कराया जाए। 6 माह तक केवल स्तनपान कराया जाए। शिशु के 6 माह पूरे होने पर संपूरक आहार देना प्रांरभ किया जाए एवं शिशु के दो वर्ष पूरे होने तक स्तनपान जारी रखा जा सकता है। 
 परिवार नियोजन नोडल अधिकारी डा.पूजा शर्मा ने बताया स्तनपान  सप्ताह के दौरान बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जिला अस्पताल,महिला चिकित्सालय, मेडिकल कालेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक  स्वास्थ्य केन्द्र,  आंगनबाडी केन्द्रों पर महिलाओं को नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने के लिये प्रेरित किया जाएगा। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के मेडिकल आफिसर, नर्सिग स्टाफ को अपनी-अपनी चिकित्सा इकाइयों को बेबी फ्रेंडली बनाने के लिये 10 नियम से परिचित कराने के निर्देश दिये गये हैं।