शोभा यात्रा के बाद ध्यान योग शिविर की हुई शुरुआत

प्रयागराज-गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर ध्यान योग जन -जागृति सेवा संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय शिविर की शुरुआत भव्य शोभा यात्रा के साथ हुई। भव्य शोभायात्रा में स्वामी जी,श्रद्धालुगण तथा नगर वासियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया ।
स्वामी जी के सत्संग का कार्यक्रम शाम 5 बजे से शुरू हुआ,पूज्य गुरुदेव के अमृतवाणी का सभी भक्तों ने रसास्वादन किया।पूज्य श्री का कहना है कि जीवन का आरंभ ईश्वर से है,जीवन का संचालन भी ईश्वर से है पर हम,न्यून विचारधारा के वशीभूत हो संसार ही सर्वोपरी हो गया हमारे लिए।जीवन का ध्येय ,जीवन का उद्देश्य जो सिर्फ ईश्वर था आज वो कही कोशो दूर किनारे पर छूट गया ।जिसके कारण मनुष्यता अशांत है,और परेशान है। ये विवधता तुम्हे सिर्फ दुःख की ओर गतिशील करेगी...
बुद्ध ने कहा कि सम्यक मार्ग के अनुयायी बनो और यही मैं भी तुम्हे कह रहा हूँ,तुम संसार मे रहते सार सत्य को अपने अंतः में जीना शुरू करो, प्रेम ही तुम्हारा माध्यम बनेगा, आज मैं तुम्हे यही गूढतम विषय समझाने के लिए तुम्हारे बीच में उपस्थित हूँ।समझ गए तो सुखी हो जाओगे और नही समझे तो दुःख तुम्हारा है,दुःख तुम्हारा रहेगा।मैं तुम्हारा गुरु होते हुए भी कुछ भी न कर पाऊंगा पर मैं तुम्हारे लिए जागरण का विषय हूँ, मैं तुम्हारे लिए प्रेम का विषय हूँ, आओ मुझसे सीखते अपने स्वयं की ओर बढ़ चलो इस गुरु पूर्णिमा पर तब तुम्हारे भाग्य उदय होंगे। तब तुम्हारा रोना मिटेगा,तब मैं तुम्हारा तुम्हारे जीवन में प्रगट कर पाऊंगा,तुम मेरे साथ उस सदा शिव की ओर बढ़ सको यही मैं अभी से प्रार्थना करता हूँ।