साहित्यकारों को आर्थिक सहायता व प्रकाशन अनुदान


उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान उ0प्र0शासन की भाषा विभाग के नियंत्रणाधीन एक स्वायत्तशासी संस्था है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश में हिन्दी भाषा का प्रचार एवं प्रसार करना है। उत्तर प्रदेश हिन्दी संसथान का एकल कार्यालय लखनऊ में स्थित है। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान हिन्दी साहित्यकारों के कल्याण हेतु अनेक योजनाएं संचालित करता है। संस्थान आर्थिक रूप से विपन्न साहित्यकारों को साहित्कार कल्याण कोष योजना अन्तर्गत आर्थिक सहायता तथा प्रकाशन अनुदान योजना अन्तर्गत रचनाकारों को उनकी पाण्डुलिपि के मुद्रण/प्रकाशन हेतु प्रकाशन अनुदान प्रदान करता है। इस हेतु साहित्यकारों से संस्थान में प्रार्थना पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 09 अगस्त, 2019 निर्धारित है। ऐसे साहित्यकारों/रचनाकारों के आवेदन आमंत्रित है जो विषय आर्थिक स्थिति ग्रस्त है। 
हिन्दी संस्थान द्वारा साहित्यकार कल्याण कोष योजना अन्तर्गत विषम आर्थिक स्थिति ग्रस्त या रूग्ण ऐसे साहित्यकारों को जिनकी वार्षिक आय 05 लाख से अधिक नहीं है, उन्हें अधिकतम 50 हजार अनावर्तक आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। हिन्दी संस्थान द्वारा प्रकाशन अनुदान योजना अन्तर्गत ऐसे रचनाकारांे को जिनकी वार्षिक आयु 5 लाख से से अधिक नहंीं है। कुल प्रकाशन पर होने वाले व्यय का तीन चैथाई भाग, जो 30 हजार से अधिक नहीं होगा। उनकी पाण्डुलिपि के मुद्रण/प्रकाशन हेतु प्रकाश अनुदान प्रदान किया जाता है। इन दोनों योजनाओं हेतु संस्थान द्वारा प्राविधानित नियमावली के अनुसार साहित्यकार/रचनाकार आवेदन निदेशक, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान राजर्षि पुरूषोत्तमदास टण्डन हिन्दी भवन, 6-महात्मा गांधी मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ-226001 को कर सकते है।