करोड़ों की परियोजना अधर में, गौसेवा के नाम पर मदद की अपील 

 बाराबंकी। गोवंश को लेकर मोदी व योगी सरकार में जहां उनके संरक्षण को लेकर कवायत शुरू की गई। जनपद बाराबंकी में निराश्रित गोवंश को आश्रय देने के लिए 27 आश्रय स्थल संचालित किये जा रहें है तथा शीघ्र ही 02 और इस प्रकार कुल 29 का संचालन प्रारम्भ हो जायेगा, जिनमें कुल लगभग 10000 गोवंश का आश्रय दिया जाना है। गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना और बेहतर संचालन में पर्याप्त धनराशि की आवश्यकता पड़ रही है। जिसके लिए जिला प्रशासन की ओर से आमजन से गौवंशीयों की मदद के लिए अधिक से अधिक राशी दान कर मदद करने की अपील की गई है। जिसके लिए जिला प्रशासन की ओर से बकायदा जनपद स्तर पर बैंक आफ इण्डिया की जिला पंचायत भवन शाखा में खाता सं0 751810110009228 ''जिला अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल'' की जानकारी देते हुए इसमे अधिक से अधिक रकम जमा करवाने की अपील की गई है।
 गौसेवा के नाम सरकार की मदद की अपील शक के दायरे में
 बताते चलें कि मोदी योगी  उसके बाद उनकी हत्या पर तो आंशिक रोकथाम हो पाई लेकिन छुट्टा गोवंशीयों के उत्पात से बचाव के नाम पर योगी सरकार की ओर से गोआश्रय की बात सामने आई उसमे हाल यह है कि दो वर्ष पूर्व तत्कालीन सांसद प्रियंका सिंह रावत ने जिस कान्हा फार्म का उद्घाटन किया था व उसके लिए करीब दो करोड़ का एस्टीमेट बनाकर प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार को प्रेषित किया गया था उसमें नगर पािलका परिषद के ठेकेदारों व सूत्रों की मानें तो दो करोड़ के काम के लिए जो सुविधा शुल्क के नाम पर लाखों रूपया एडवांस के तौर पर दिया गया उसका ही दस प्रतिशत की रकम ही मात्र यानी करीब दो लाख का धन परियोजना के नाम पर आंवटित हुआ। अब बताओं जिस परियोजना में गौवंशीयों के संरक्षण के लिए दो करोड़ की लागत लगनी तय हो उसमें दो लाख का क्या महत्व है। यानी बाते बड़ी बड़ी और जेब में टका नहीं वाला हाल यूपी सरकार का तमाम परियोजनाओं में या तो नजर आ रहा है या तो फिर इसमे  भी कोई ऐसा हेरफेर है कि अब गौवंशीय के नाम पर प्रदेश सरकार को आमजनता, जो सरकारी तंत्र का दस प्रतिशत ही बड़ी मजबूरी से कमा पा रही है, से मदद की आस है। अब यह मदद तो आम इमानदार आदमी तो कर पाने से रहा इसमे प्रशासन व भाजपा के नजदीकी प्राप्त करने का सुअवसर तमाम मुनाफाखोरों व दलालों को ही मिलेगा जो गौंवंशीयों के नाम पर एक अच्छी राशी सरकारी खजाने में जमा कराकर तमाम आमजनता के नाम पर आने वाले मुनाफों पर जमकर मलाई काटेंगे और तमाम कथित इमानदान अधिकारी इनके साथ संबंध मधुर कर अपना काम बनाते रहेंगे और देश सोचता रहेगा कि इमानदारी शायद अबकी आने वाली सरकार में दिखाई दे। 
  इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की विस्तृत जानकारी जिला प्रशासन के बताए अनुसार लोग क्षेत्र के उप जिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी या विकास भवन, मंे मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से सीधे सम्पर्क कर सकते हैं।