दलित बच्चों के लिए शिक्षा में 25प्रतिशत अलग आरक्षण की कांग्रेस ने की मांग

डाॅ पीएन पुनिया ने उच्च सदन में बुलंद की आवाज 
बाराबंकी। राज्यसभा सांसद डाॅ पीएल पुनिया ने गुरूवार को राज्यसभा में विशेष उल्लेख के दौरान सदन के माध्यम से गरीब व दलित बच्चों की बेहतरी के लिए सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि शिक्षा एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय हैं, भारत में साक्षरता दर 73 प्रतिशत हैं। लेकिन यही साक्षरता दर अनुसूचित जाति में 66 प्रतिशत हैं उसमें भी 41 प्रतिशत प्राइमरी से भी कम शिक्षित हैं। 
श्री पुनिया ने कहा कि केवल 15 प्रतिशत व्यक्ति ही प्राइमरी स्कूल तक जा सकते हैं। दलित समाज का उत्थान हो और वह शिक्षित हो इसके लिये शिक्षा के अधिकार कानून के अन्तर्गत दिये गये 25 प्रतिशत आरक्षण में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग को अलग से आरक्षण दिया जायें। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि दलित समाज के उत्थान एवं सशक्तिकरण के लिये बाबा साहब डाॅ.भीमराव अम्बेडकर ने सबसे अधिक महत्व शिक्षा को दिया था। सांसद श्री पुनिया ने कहा कि संविधान में अनुसूचित जाति जनजाति के बच्चों को शिक्षा में वरीयता देने की व्यवस्था हैं। निजी व सरकारी विद्यालय इस कोटे में दलित आदिवासी बच्चों को दाखिला देने के लिये बाध्य नही हैं, इसलिये अनुसूचित जाति जनजाति के बच्चे शिक्षित हो उन्हें 25 प्रतिशत में अलग आरक्षण दिया जायें ये जरूरी है जिसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए।