अपनी बात तीर नही तो तुक्का
उपरी स्तर का हाल तो रामजी जाने ! लेकिन निचले स्तर पर सुनीसुनाई खबर है। धूसखोरी की दर दोगुनी हो गई है। उन कार्यालयों में जहाॅं पर जनता का सीधे सामना सरकारी कर्मचारियों से होता है। जीरो परसेन्ट टाॅलरेन्स वाली सरकार के लिये यह खबर वकई चिन्ताजनक है। वैसे इस राज्य में पिछले साल इनवेस्टमेंट समिट के दौरान सजावटी पौधे एवं गुलदस्ते ेके नाम हुए घोटाले एवं इसी साल विधान सभा के अन्दर मंत्रियों के सचिवों के करनामें तो जगजहिर हुए हैं। ताजा ताजा मोदीजी को वोट देने वाली जनता को जब ऐसे घूसखोरों से पाला पढ़ता है। तब गुस्सा आना स्वाभाविक है।
अखिल सावंत 9452680926