आजम खान एक सीरियल ऑफेंडर     -सिद्धार्थ नाथ सिंह

श्रीअखिलेश यादव और आजम खान एक ही सिक्के के दो पहलू-सिद्धार्थ नाथ सिंह


श्री अखिलेश यादव और आजम खान दोनों ही ने किया उत्तर प्रदेश का बंटाधार-सिद्धार्थ नाथ सिंह


प्रयागराज 26 जुलाई,2019।लोकसभा की पीठासीन महिला सभापति रमा देवी पर आजम खान की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता तथा कैबिनेट मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आजम खान को एक सीरियल आॅफेंडर बताया है। पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का उत्तर देते हुए श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि आजम खान का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है जो यह प्रदर्शित करता है कि आजम खान के मन में महिलाओं के प्रति सम्मान नहीं है तथा वे भारतीय संस्कृति का निरादर करने वाले नेता हैं। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि पूर्व में चुनाव के दौरान उन्होंने जयाप्रदा जी को लेकर क्या टिप्पणी की थी, कुछ दिन पहले 1947 को याद करके पाकिस्तान जाने की बातें कर रहे थे और अब उन्होंने लोकसभा की पीठासीन सभापति पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। श्री सिंह ने कहा कि उनका मानना है कि जब व्यक्ति शून्य पर होता है और अंदर से खोखला होता है तो मीडिया में बने रहने के लिए इस प्रकार की हरकतें किया करता है। ऐसे व्यक्ति का किसी भी सदन में प्रवेश प्रतिबंधित कर देना चाहिए।
श्री अखिलेश यादव द्वारा आजम खान के बचाव को लेकर हो रही आलोचना पर पूछे गए सवाल के जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता का कहना था कि जिस प्रकार से अखिलेश यादव ने आजम खान का बचाव किया है वह यह सिद्ध करता है कि दोनों लोग एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। यह दुर्भाग्य की बात है कि अखिलेश यादव को 5 वर्ष तक राज्य करने का मौका मिला, जिनकी सरकार में आजम खान की हैसियत नंबर 2 पर थी और यह कहा जाता था कि यह एक प्रकार से दूसरे सी एम भी हैं। दोनों ने ही यूपी का बंटाधार किया है। उन्होंने अखिलेश यादव और आजम खान को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए कहा कि सिक्के के एक ओर आजम खान हैं तो दूसरी ओर श्री अखिलेश यादव। श्री सिंह ने कहा कि इनकी सोच में खोखलेपन के अलावा कुछ नहीं है। इनकी सोच है कि किस प्रकार से दूसरे को नीचा दिखाया जाए और समाज में ये लोग दूसरे की इज्जत करना तो जानते ही नहीं हैं । जरूरत है कि ये लोग किसी क्लासरूम में जाकर इन विषयों पर शिक्षा ग्रहण करें।


अलीगढ़ में जिला प्रशासन द्वारा लोक स्थानों पर धार्मिक क्रियाकलापों पर लगाई गई पाबंदी के बारे में श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का जवाब था कि जिले में शांति व्यवस्था एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होती है तथा जिलाधिकारी अपने विवेक के अनुसार जिले में शांति व्यवस्था एवं सुरक्षा बनाए रखने के लिए इस तरह निर्णय लेने हेतु सक्षम होते हैं जिसमें सरकार की कोई दखलंदाजी नहीं होती है।


शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष श्री वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि जितने भी मदरसे और अन्य संस्थान हैं जहां पर उर्दू पढ़ाई जाती है वहां पर प्रतिदिन झंडारोहण, राष्ट्रगान तथा वंदे मातरम होना चाहिए। इस विषय पर पूछे गए सवाल को लेकर श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का कहना था कि यह सुझाव राष्ट्रवाद से प्रेरित है तथा स्वागत योग्य है। केंद्र और राज्य के जितने भी शिक्षण संस्थान हैं, वहां पर समानता होनी चाहिए साथ ही किसी के साथ भेदभाव भी नहीं होना चाहिए। यदि देश में कहीं झंडा फहराया जाता है, राष्ट्रगान या वंदे मातरम गाया जाता है अथवा भारत माता की जय कहा जाता है तो इनका विरोध करने का कोई औचित्य नहीं होना चाहिए।
दिनेश तिवारी
मीडिया प्रभारी