वर्दी व ताकत के दुर्पयोग में फिर दागदार हुई वर्दी अधिवक्ता को वर्दी के रौब में धमकाया


रामनगर, बाराबंकी। संविदान प्रदत्त अधिकार हो या फिर नैसर्गिक अधिकार जनपद पुलिस या कह लीजिए सूबे की पुलिस व्यवस्था के आगे सब बेकार। पुलिस की बढ़ती गुण्डागर्दी से आमजन तो क्या अब वकील भी परेशान होने लगे हैं। मतलब इनकी मर्जी हो तो सारे नियम कानून इनकी जेब में और आप लाख सही हो आप को पहुंचा सकती है पुलिस वाले की मर्जी जेल में, फिर चाहे न्याय की बेईज्जती हो या फिर देश के संविधान की, इनकी बला से। बस सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को छोड़, अंग्रेजी गुलाम भारत वाली पुलिस व्यवस्था से भी कहीं ज्यादा खतरनाक हो गई हैं वर्तमान देश की पुलिस। 
फिर चाहे शरीफ हो रहे व्यक्ति का काउंटर हो या फिर पत्रकार उत्पीड़न का मामला और अब तो वकील भी गाहे बगाहे इनकी गिरफ्त में फंस इनके अत्याचार का शिकार होकर फड़फड़ा कर रह जाते हैं। लेकिन इनके उपर कोई फर्क पड़ता है और न इन्हें इनकी करनी का कभी दण्ड ही वर्तमान कानून व्यवस्था में मिल पाता है। जैसा सामने आई एक घटना में यह साबित भी हो जाता है। जिसमें पुलिस की नियम कानून का दरकिनार करने वाली हरकत इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि कोर्ट परिसर में भी वर्दी का दुर्पयोग करते हुए पुलिस के नुमाएंदे जरा भी नहीं हिचकते। 
सामने आया मामला रामनगर तहसील का है। जिसमें एक अभियुक्त की जमानत अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कराई और जमानत होने के बाद अपने चैम्बर में वह मुवअक्किल के साथ बातचीत कर रहे थे। इसी बीच वहां पहुंचे पुलिस कर्मियों ने उनके चैम्बर से मुवअक्किल को चैम्बर से ही जबरन ले जाने का प्रयास किया। जब अधिवक्ता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने इसका विरोध करते हुए नियम कानून की बात करते हुए यह बताया कि मुवअक्किल की जमानत हो चुकी है और अब उसे पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकती। तो पुलिस कर्मी अधिवक्ता पर ही भड़क उठे और अभद्रता पर आमादा हो गए। मौके पर भीड़ बढ़ने पर पुलिस कर्मी मामला गड़बड़ाते देख वहां से चले गए। लेकिन जब अधिवक्ता अपने घर जा रहा था तो फिर से पुलिस द्वारा उसे अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए रोक लिया। इसके बाद अधिवक्ता से पुलिस कर्मी अभद्रता पर उतारू हो गए। लेकिन कई अन्य अधिवक्ताओं ने फिर बीच बचाव करवाते हुए मामला किसी तरह मामला शांत करवाया। वकीलों ने इसकी शिकायत एसडीएम रामनगर चंद्र प्रकाश पाठक से की है। वहीं बात को लेकर वकीलों में काफी आक्रोश है। जिसके अब और बढ़ने की आशंका वकील जन बता रहे हैं