रिश्वत लेने वाली दागी कंपनी को पुनः ब्लैकलिस्ट करने की मांग’ समाजसेवी ने खोला मोर्चा, मुख्यमंत्री व राज्यमंत्री को भेजा पत्र दो बार ब्लैकलिस्ट हो चुकी है भ्रष्ट कंपनी अवनी परिधि गूगल पर भी होती है भ्रष्टाचार की पुष्टि

बाराबंकी। प्रदेश भर के सरकारी विभागों में मैन पावर सप्लाई का कार्य करने वाली ब्लैकलिस्टेड रही दागी कंपनी के विरुद्ध एक समाजसेवी ने मोर्चा खोल दिया है। तहसील सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के ग्राम अरियामऊ निवासी समाजसेवी लवकुश शरण आनंद ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यमंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ नाथ सिंह को पत्र भेजकर वर्तमान में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती के बदले रिश्वत लेने वाली एक दागी कंपनी अवनी परिधि एनर्जी एवं कम्युनिकेशन (प्रा.लि.)ष् पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदेश भर में समस्त टेंडर निरस्त कर पुनः ब्लैकलिस्ट किए जाने की मांग की है। समाजसेवी आनंद ने विपक्ष के कद्दावर नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी पत्र भेजकर पूरे मामले से अवगत कराया है। 
प्राप्त जानकारी के मुताबिक समाजसेवी आनंद ने सीएम योगी व राज्यमंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को अवगत कराया है कि उत्तर प्रदेश के 24 जनपद मुख्यालयों पर पूर्ववर्ती राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग में 100 शैय्या बहुमंजिला चिकित्सालय (विंग) का निर्माण कराया गया है। जिसे वर्तमान सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर संचालित किया जा रहा है। प्रत्येक 100 सैया चिकित्सालयों में करीब तीन दर्जन से अधिक चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्सिंग के तहत निजी कंपनी द्वारा कराने का शासनादेश पूर्व में जारी हुआ था। पदों पर नियुक्तियां एक नामचीन दो बार ब्लैकलिस्टेड रही, भ्रष्ट कंपनी द्वारा भारी रिश्वत लेकर इन दिनों की जा रही है! 
 श्री आनंद ने आगे बताया कि नामचीन कंपनी अवनी परिधि एनर्जी एवं कम्युनिकेशन (प्रा.लि.) जो प्रदेश में मैन पावर सप्लाई का कार्य करती है। जिसका डायरेक्टर अज्ञात गुप्ता नाम का व्यक्ति है। उक्त कंपनी आउटसोर्सिंग संविदा पदों पर नियुक्तियों के बदले अभ्यर्थियों से रिश्वत लेती है। जिसकी पूर्व में कई शिकायतें तथा कई कई बार धरना प्रदर्शन प्रदेश के विभिन्न जनपदों व राज्य मुख्यालय पर किए गए हैं। जिसकी खबरें अनेक चैनलों व समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई हैं। गूगल पर सर्च करने पर भी उक्त कंपनी के भ्रष्टाचार की पुष्टि होती है। अवनी परिधि कंपनी को यूपीएसआईसी के तत्कालीन एमडी हीरालाल ने आजीवन ब्लैकलिस्ट किये जाने की पुष्टि की थी। वहीं केजीएमयू लखनऊ द्वारा भी उक्त कंपनी को ब्लैकलिस्ट किए जाने का पत्राचार किया गया था। बकौल आनंद उक्त भ्रष्ट कंपनी को स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति करने के लिए पुनः मंजूरी दे दी गई है। जिसमें रिश्वत देकर नौकरी मिलने के बाद भी साल भर बाद रिन्यूअल के वक्त पुनः इन भ्रष्ट कंपनियों को चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है। सरकार गई तो समझो नौकरी भी। क्योंकि अगली सरकार बनते ही नई कंपनी को टेंडर, नए नए चेहरे और फिर वही रिश्वतखोरी इत्यादि। इन हालात में वर्तमान सरकार द्वारा नौजवानों को जवानी में ही उनका शोषण खुलेआम करते हुए वृद्ध बनाने का कार्य किया जा रहा है। जब वह स्वयं मजबूत नही होंगे तो देश को मजबूत बनाने में सहयोग कैसे कर पाएंगे? 
भेजे गए पत्र अनुसार नौजवान देश का भविष्य है, और देश का भविष्य खतरे में है। जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से इस भ्रष्ट कंपनी के प्रदेश भर में समस्त टेंडर निरस्त कर सारे विभागों में आजीवन ब्लैकलिस्ट किए जाने तथा अन्य निष्पक्ष कंपनी को की गई नियुक्ति की मंजूरी दिये जाने की मांग की है।


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