फतेहपुर, बाराबंकी। बुजुर्ग व अस्वस्थ माता पिता की निसहाय पुत्री ने प्रशासनिक हीला हवाली को देखते हुए धरने पर बैठने का निर्णय लिया। पीड़ित लड़की ने उक्त विवादित जमीन जिस पर माननीय न्यायलय में वाद भी विचाराधीन है। उस पर यथास्थिति कायम करने व विपक्षियों द्वारा रखे जा रहे छप्पर व दरवाजे को हटाने के संबंध में उप जिलाधिकारी फतेहपुर से न्याय की गुहार लगाई है।
बताते चलें, कि बीमार व बुजुर्ग गयाप्रसाद पुत्र स्वर्गीय राम अवतार निवासी ग्राम मदनपुर परगना व तहसील फतेहपुर की पुत्री कुसुम लता तहसील फतेहपुर कार्यालय के मुख्य द्वार पर धरना पर बैठ गई। जिसमे पीड़िता ने बताया, कि हमारे पिता की जमीन गाटा संख्या 399, 402, का बटवारे के लिए धारा 176 जा.वी. एवं भूमि सुधार अधिनियम के अंतर्गत पहले से एक वाद श्रीमान न्यायालय में विचाराधीन है। जिस पर न्यायलय के द्वारा पूर्व में वाद के निस्तारण तक यथास्थिति का आदेश भी पारित किया जा चुका है। किंतु इसके बाद मुकदमे की पैरवी कर रहे उसके भाई की मृत्यु हो गई। जिसके बाद उक्त पैरवी में न्यायालय द्वारा यथा स्थित का आदेश निरस्त कर दिया गया। जिसके बाद उक्त लड़की ने मुकद्दमे की पैरवी करने का फैसला लेते हुए मुकदमे को दुबारा से शुरू कराते हुए आगे की कार्यवाही सुनिश्चित करने की गुहार लगाई। जिस पर उक्त पीड़िता का आरोप है, की विपक्षी लगातार उसकी जमीन पर अनावश्यक कब्जा जमाने का प्रयास करते आ रहे हैं, जिसकी वजह से उसे व उसके परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। समस्या के निवारणार्थ स्थाई समाधान के लिए पेंडिंग यथास्थिति के प्रार्थना पत्र पर यथास्थिति का आदेश पारित की गुहार लगाई, वही विपक्षियों की प्रताड़ना के विरुद्ध कार्यवाही ना होते देख 15 जून को पीड़िता ने उप जिलाधिकारी फतेहपुर को प्रार्थना पत्र देकर पुनः यह मांग की, कि उसकी जमीन उपर्लिखित गाटा संख्या पर विपक्षियों द्वारा पुनः कब्जा करने की नियाति से छप्पर व दरवाजा रखा जा रहा है, उसको हटाते हुए शासन द्वारा वहां पर यथास्थिति कायम करवाई जाए पीड़िता का कहना है, कि प्रशासन व न्यायालय के चक्कर लगाते हुए वह काफी थक चुकी है, और धरने पर बैठने के लिए मजबूर होकर 15 जून को तहसील के मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी। जहाँ लोग तो जमा हुए पर न्याय मिलने में अभी भी देर ही दिखा दी।
मजबूर मां-बाप की असहाय बेटी घरना देने का हुई मजबूर