*जानबूझ कर योगी सरकार ने भर्तियों को फंसाया ,युवा मंच

प्रयागराज-मुख्यमंत्री भर्तियों में धांधली-भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जीरो टालरेंस की बात कह रहे हैं लेकिन लोक सेवा आयोग में एलटी पेपर लीक खुलासे में परीक्षा नियंत्रक व अन्य अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगने के बाद भी आयोग के सचिव को पदमुक्त तक नहीं किया गया, इसके पूर्व भी 68500 व 69000 शिक्ष भर्ती में हुई धांधली के मामले में भी दोषियों को बचाया गया। 29 जुलाई 2018 को एलटी परीक्षा के पहले भी एसटीएफ ने साल्वर गैंग से साल्व्ड पेपर व परीक्षा से जुड़ी सामग्री पकड़ी थी लेकिन आयोग सचिव इसे सही मानने से इंकार करते रहे, जब युवा मंच ने एसटीएफ द्वारा पकड़े पेपर को सार्वजनिक करने की मांग की तो गोपनीयता का हवाला देकर इससे इंकार किया गया। आज दिन में उजाले की तरह साफ है कि आयोग के सभी महत्वपूर्ण अधिकारी पेपर लीक व धांधली में संलिप्त हैं। क्या यह संभव है कि सचिव व अध्यक्ष की जानकारी व अनुमति के बिना डिफाल्टर प्रेस से प्रश्नपत्रों की छपाई की जाती रही। उक्त आरोप विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में छात्रों से जनसंपर्क के दौरान युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने लगाये। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग में सरकार बदलने के बाद नया परीक्षा नियंत्रक व सचिव बनाया गया लेकिन आयोग में प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्ति होने वाले जिनके ऊपर तत्कालीन अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल में धांधली कराने के गंभीर आरोप थे ऐसे कर्मचारी-अधिकारियों पर न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही उन्हें हटाया गया। छात्रों के इस आरोप सचाई है कि प्रभावशाली लोगों के दबाव के चलते ही सीबीआई जांच में लीपापोती की गई और दोषियों को बचाने का काम किया गया। अगर तत्कालीन अध्यक्ष व कर्मचारी-अधिकारियों पर जो भी उत्तर प्रदेश के व्यापम माने जाने वाले लोक सेवा आयोग के घोटाले में कार्रवाई की गई होती तो आज ऐसे हालात न पैदा होते। सीबीआई की रडार पर जो कर्मचारी-अधिकारी हैं आखिर उन्हें परिसर में धरना-प्रदर्शन की इजाजत कैसे मिल गई। जबकि धरना-प्रदर्शन को उस पूरे क्षेत्र में प्रतिबंधित है। आज जो भी हालात लोक सेवा आयोग सहित प्रदेश की अन्य भर्तियों में पैदा हुए हैं उनके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री जिम्ेदार हैं, दरअसल लगता यही है कि भाजपा सरकार भर्तियों को जानबूझ कर लटकाना चाहती है। जन संपर्क के दौरान सुरेंद्र पाण्डेय, अरविंद कुमार, बलजीत, विजय मौर्य, प्रशांत आदि मौजूद रहे।