लोकसभा चुनाव के नतीजों में हो सकती है देरी, हर विधानसभा के 5 बूथ पर होगा वीवीपैट का मिलान

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान होने वाली वीवीपैट पर्चियों के मिलान की संख्या को पहले के मुकाबले बढ़ा दे। ऐसे में, 23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजों में भी देरी हो सकती है। 


अब क्या निर्देश हुआ है


एक लोकसभा सीट की सभी विधानसभा सीटों पर 5 बूथ की ईवीएम पर गिनती होगी। यानी 5 गुना ज्यादा वीवीपैट की गिनती होगी। यानी अगर एक लोकसभा सीट पर 6 विधानसभा हैं तो 30 वीवीपैट की गिनती होगी। इस मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने की। न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, 'एक निर्वाचन क्षेत्र से एक की बजाए पांच ईवीएम के चुनाव से इसकी प्रमाणिकता, चुनाव प्रक्रिया को लेकर विश्वास न केवल राजनीतिक पार्टियों को बल्कि गरीब लोगों के मन में भी सुनिश्चित हो जाएगा।'


पहले क्या था


एक लोकसभा सीट की एक विधानसभा पर एक ही बूथ की वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाता था। वहीं अब अदालत ने निर्देश दिए हैं कि हर लोकसभा सीट से पांच ईवीएम मशीन की वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाए।


क्या है विपक्ष की मांग


विपक्ष लगातार यह मांग कर रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों का मिलान किया जाए। विपक्ष ने 50 फीसदी पर्चियों के मिलान का अनुरोध किया है जिसे मुख्य न्यायाधीश ने नहीं माना क्योंकि जमीनी स्तर पर इसके लिए पहले के मुकाबले ज्यादा मैनपावर चाहिए और यह ढांचागत कठिनाइयों के मद्देनजर संभव नहीं है।


आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी पार्टियों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की हुई है। उनका कहना है कि ऐसा करने से मतदाताओं के बीच वोटिंग मशीनों की गरिमा बनाई रखी जा सकेगी।
इस मामले की शनिवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई थी। जिसमें विपक्ष ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के नतीजों में उन्हें छह दिन की देरी मंजूर है लेकिन 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान होना चाहिए। उनका कहना है कि चुनाव आयोग का दावा है कि 13.5 लाख ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल चुनाव में होगा।


क्या होता है वीवीपैट


2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए चुनाव आयोग ने वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) जारी किया था। जिस कमरे या कम्पार्टमेंट में मतदाता वोट देने जाते हैं, बैलेटिंग यूनिट और वीवीपैट दोनों उसी कमरे में पांच मीटर की केबल की सहायता से कंट्रोल यूनिट से जुड़े होते हैं।
2009 लोकसभा चुनावों के बाद सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा ईवीएम के प्रयोग के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने मशीनों के टैम्पर प्रूफ नहीं होने की बात को स्वीकार किया था। लेकिन इस मामले में उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव आयोग को कोई निर्देश नहीं दिए जाने के कारण स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखी। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को चरणबद्ध तरीके से वीवीपैट का उपयोग करने और 2019 तक इनको पूरी तरह से स्थापित कर लेने का आदेश दिया।


क्या है आपके लिए खास


पिछले कुछ समय से कई राजनीतिक पार्टियां ईवीएम को लेकर सवाल खड़े करती रही हैं। उन्होंने आशंका जताई थी कि इसे हैक करके किसी एक पार्टी विशेष के पक्ष में वोट डाले जा सकते हैं। जिसके बाद चुनाव आयोग ने इसकी प्रामाणिकता को बरकरार रखने के लिए सभी को इसे हैक करने का खुला आमंत्रण दिया था। कोई भी पार्टी इसे हैक नहीं कर पाई थी। हालांकि इसके कारण लोगों के मन में भी इसकी पारदर्शिता को लेकर संदेह पैदा हो गया था। जिसके कारण उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सभी विधानसभा सीटों पर 5 बूथ की ईवीएम की गिनती करने का आदेश दिया है।