अवध ज्योति रजत जयंत सम्मान समारोह
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान साहित्य और भाषा के साथ-साथ साहित्यकारों के संरक्षण सम्मान और स्वास्थ्य की परवरिश करता है। उक्त विचार अवध भारती संस्थान एवं हिन्दी संस्थान उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में दशहराबाग स्थित पटेल संस्थान के सभागार में आयोजित राष्ट्रीय अवधी सम्मेलन एवं रजत जयंती सम्मान समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अमिता दुबे ने व्यक्त किए। डॉ. दुबे ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा की अवधी का सम्मान तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस ने विश्व के कोने कोने में पहुंचाया है, जहां-जहां रामचरितमानस गाई और पढ़ी जाती हैं अवधी वहां-वहां प्रचारित और प्रसारित है। डॉ. भगवान वत्स पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी की अध्यक्षता में सम्पन्न ‘अवधी का वर्तमान परिदृश्य’ विषयक संगोष्ठी में देश-प्रदेश के विद्वानों ने अपनी बात रखी। इस क्रम में साहित्यकार विनयदास ने विषय परिवर्तन के क्रम में अवधी भाषा की पहली कहानी और कहानीकार पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान परिदृश्य तक की रचनाओं के बारे में बताया। जनेस्मा पीजी कॉलेज हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजेश मल्ल ने कहा कि सभी लोक भाषाओं के विकास के बिना हिन्दी का विकास संभव नहीं है, विविधता नहीं होगी तो भारत की बोलियां और भाषाएं भी नहीं बचेंगी। दिल्ली विश्वविद्यालय से उपस्थित हुए प्रोफेसर सत्यप्रिय पांडे ने कहा के अवधी का इतिहास गौरवमई है। अवधी को फिर से पुष्पित पल्लवित करना अवध क्षेत्रवासियों का दायित्व है। साहित्यकार आद्या प्रसाद प्रदीप ने अवधी के विविध विधाओं में रचे गए साहित्य की जानकारी दी तथा दिशा और दशा पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अवधी संस्कारों की भाषा है, बाजार की भाषा बनने से रोकना होगा। डॉ. श्याम सुंदर दीक्षित ने भी अवधी साहित्य के विकासक्रम पर अपनी बात रखी।

अवध भारती संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राम बहादुर मिश्र ने कहा कि अवधी अकादमी की स्थापना के प्रयास चल रहे हैं, उम्मीद है जल्द ही अवधी अकादमी की स्थापना हो और इसके लिए हम सभी अवधी प्रेमियों को प्रयास करना होगा। अवध ज्योति के रजत जयंती सम्मान समारोहों के क्रम में एक अवधी कवि सम्मेलन लखनऊ में शीघ्र आयोजित होगा, जिसमें हमारा प्रयास है कि 100 अवधी रचनाओं का काव्यपाठ हो।

कार्यक्रम के दौरान अवध भारती संस्थान हैदरगढ़ बाराबंकी द्वारा विगत 25 वर्षों से निरंतर प्रकाशित अवध ज्योति पत्रिका के रजत जयंती वर्ष पर 14 अवधी आराधकों को मोमेंटो, शाल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। अवधी आराधकों में डॉ. भगवान वत्स, डॉ. राजेश मल्ल, डॉ. विनयदास, डॉ. श्याम सुंदर दीक्षित, अजय सिंह गुरूजी, प्रदीप सारंग, धीरेंद्र कुमार वर्मा, मो. मूसा खान अशांत, पंकज कंवल, अजय प्रधान, कुमार पुष्पेंद्र, इकबाल राही, विष्णु कुमार शर्मा, ओम प्रकाश जयंत को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन कवि समाजसेवी प्रदीप सारंग ने किया। आए हुए विद्वानों, श्रोताओं का आभार ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक डॉ. राम बहादुर मिश्र ने व्यक्त किया। इस मौके पर कवि अम्बरीष अम्बर, शिव कुमार व्यास, प्रदीप महाजन, राजकुमार सोनी, सीताकांत मिश्र, जय प्रकाश हुंकारी, प्रदीप बहराइची समेत भारी संख्या में कवि लेखक, साहित्यकार मौजूद थे।