दैविक आपदा में नष्ट फसल किसान के मुंह से आह कि चीखें

दैविक आपदा में नष्ट फसल किसान के मुंह से आह कि चीखें के अलावा कुछ नहीं क्योंकि दिन रात एक कर के पैरों का पसीना सर के चोटी तक पहुंचकर ही फसल का उत्पादन कर पाना संभव है लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई जिससे उनके द्वारा लिए गए *कर्ज* की भरपाई बच्चों की पढ़ाई परिवार का पालन पोषण आदि जैसे कार्य में रुकावट आ जाएगी ऐसा ही मामला सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के रायपुर गांव में देखने को मिला जहां किसानों के गेहूं आलू मटर सरसों आदि फसलें बर्बाद हो गई जिसमें किसान *गिरजा शंकर* के साथ सैकड़ों किसान परेशान का कहना है की उन्होंने कर्ज लेकर फसलों की बुवाई की थी परंतु प्राकृतिक आपदा के कारण मटर के पौधे पानी भरने से खेत में ही सड़ गए और मुनाफे की तो बात छोड़ो जो लगाया वह भी नहीं मिला ऐसे ही बहुत सारे किसान हैं जिनका गेहूं मटर सरसों आदि बर्बाद हो गए