सिंधिया ने फिर की 'बगावत', 370 के बाद नागरिकता विधेयक का किया समर्थन
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अनुच्छेद 370 के बाद अब नागरिकता संशोधन विधेयक पर सरकार का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान के विपरीत है कि नहीं यह अलग बात है, लेकिन इसमें भारत की वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा और सभ्यता है।

सिंधिया ने इंदौर में कहा कि विभाजन देशों के आधार पर तो पहले भी हुआ था, लेकिन धर्म के आधार पर यह पहली बार है। मैं तो मानता हूं कि यह संविधान के विपरीत है, लेकिन भारतीय संस्कृति के आधार पर है। अब राज्य और धर्म के आधार हो रहा है। 
उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि जो भारत की विचारधारा और सभ्यता है कि सभी को साथ में लेकर चलना। इस अध्यादेश में भी धर्म और राज्य के आधार की बात है। बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान में लिखा है कि किसी को जात-पात, धर्म की दृष्टिकोण से नहीं देखा जाएगा। केवल भारत के नागरिक के रूप में देखा जाएगा।
पहले भी पार्टी लाइन को छोड़ चुके हैं सिंधिया
सिंधिया पहले भी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन कर चुके हैं। हालांकि, कांग्रेस शुरू से अब तक सरकार के इस कदम का विरोध कर रही है। 
एमपी में कांग्रेस सरकार की ऋणमाफी पर जताई थी नाराजगी
अक्तूबर में भिंड में पार्टी के एक कार्यक्रम में भी सिंधिया ने मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि- चुनाव से पहले कांग्रेस ने दो लाख कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन किसानों के 50 हजार तक के ही कर्जमाफ हुए। 
ट्विटर स्टेटस बदलकर जनसेवक लिखा
सिंधिया ने कुछ दिनों पहले ट्विटर अकाउंट से अपना कांग्रेसी परिचय हटा दिया था। इसे लेकर भी पार्टी आलाकमान से उनकी नाराजगी की खबरों ने सुर्खियां बटोरी थी। ट्विटर के नए बायो में सिंधिया ने खुद को जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी बताया था। 

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