लखनऊ के 43 थानों में सैकड़ों विसरा के नमूने मौजूद, अधिकतर हो चुके हैं खराब

थाने में 17 महीने रखा रहा लामार्ट छात्र के खून का नमूना



गौतमपल्ली पुलिस 10 अप्रैल 2015 की सुबह लामार्ट स्कूल में संदिग्ध हालात में मृत मिले कक्षा नौ के छात्र राहुल श्रीधर के खून का नमूना 17 महीने तक थाने में ही रखे रही। राहुल के पिता वी. श्रीधर ने कोर्ट से शिकायत की तब नमूने को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया।

केस दो
तीन साल बाद थाने से लैब भेजा गया विसरा

हजरतगंज कोतवाली में वर्ष 2016 में युवक की संदिग्ध हालात में हुई मौत की जांच के लिए सुरक्षित रखा गया विसरा रविवार को लैब भेजा गया। उक्त विसरा जीआरपी से संबंधित था और सिविल अस्पताल में युवक की मौत के बाद हजरतगंज कोतवाली में रखा गया था। युवक के परिवारीजनों की महीनों दौड़ के बाद विसरा को लैब भेजा गया।

केस तीन
60 नमूने नष्ट करने के लिए दो साल से डीएम को लिख रहे पत्र

गोमतीनगर थाने में दो साल से रखे विसरा के 60 नमूने नष्ट करने के लिए डीएम को कई बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया। जिन मामलों में विसरा रखा गया है, उनका निस्तारण हो चुका है। अब डीएम से विसरा नष्ट करने की अनुमति मांगी जा रही है।

राजधानी के थानों के मालखाना में विसरा के सैकड़ों नमूने डिब्बों, बक्सों और अलमारियों में कैद हैं। कई नमूने दो साल से भी ज्यादा पुराने हो चुके हैं और खराब हो चुके हैं। 


43 थानों में रखे हैं 650 से अधिक विसरा के नमूने



गौतमपल्ली थाने में यूं टिन शेड में लटके मिले थे विसरा। - फोटो : अमर उजाला



कहीं पुलिस की लापरवाही तो कहीं फोरेंसिक लैब के जिम्मेदारों की मनमानी के चलते नमूनों की समयबद्ध जांच नहीं हो पा रही। विसरा के खराब नमूनों को नष्ट करने के लिए भी पुलिसकर्मी प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भेज रहे हैं, लेकिन इसकी भी अनुमति नहीं मिल रही।
शहरी और ग्रामीण के 43 थानों में 650 से अधिक विसरा के नमूने रखे हुए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सबसे ज्यादा विसरा गोमतीनगर, चौक, वजीरगंज, हजरतगंज, विभूतिखंड और आशियाना थानों में रखे हैं। गोमतीनगर में इस वर्ष के ही 20 विसरा के नमूने फोरेंसिक लैब भेजे जाने का इंतजार कर रहे हैं।
पिछले साल के भी इतने ही नमूने रखे हुए हैं। चौक, वजीरगंज, विभूतिखंड में 10 से 15 नमूने हैं जबकि हजरतगंज में इस साल के छह मामले लंबित हैं। सरोजनीनगर में 28, गुडंबा में छह, गौतमपल्ली में पांच, पारा में आठ, हसनगंज में 12 नमूने रखे-रखे खराब हो रहे हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कई नमूने खराब हो चुके हैं तो कई केस अदालत से छूट चुके हैं। ऐसे में मालखाना में रखे नमूनों को नष्ट करना होता है, लेकिन पुलिस को इसकी अनुमति नहीं है।




डीएम को लिखा गया था पत्र, अब तक नहीं आया जवाब



गोमतीनगर थाना में 60 नमूने निस्तारित करने के लिए वर्ष 2017 में डीएम को पत्र लिखा गया था, जिसका जवाब अब तक नहीं आया है। मालखाना में रखे विसरा के नमूने पुलिस के लिए किसी सिरदर्द से कम नही हैं।
फोरेंसिक लैब से बहाने बनाकर टरका देते हैं जिम्मेदार
पुलिस सूत्र बताते हैं कि विसरा के नमूनों को फोरेंसिक लैब पहुंचाना किसी मुसीबत से कम नहीं है। कई चक्कर लगाने के बाद भी लैब के जिम्मेदार नमूने लेने को तैयार नहीं होते। कागजातों में कमी या कोई न कोई बहाना बनाकर नमूने लौटा दिए जाते हैं या बार-बार टरका दिया जाता है।
ऐसी दशा में पुलिसकर्मी भी कोर्ट के आदेश के इंतजार में बैठ जाते हैं। गौतमपल्ली थाना में लामार्ट छात्र राहुल श्रीधर की तरह कई ऐसे प्रकरण हैं जिनमें कोर्ट ने हस्तक्षेप किया, तब फोरेंसिक लैब के अधिकारियों ने विसरा के नमूनों की जांच की।




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