मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में एक विवाहिता ने शादी अनुदान के लालच में पहले पति को धोखा देकर प्रेमी के साथ शादी कर ली। पहले पति की मां ने अफसरों से शिकायत की तब मामला खुला। मामला सामने आने के बाद समाज कल्याण अधिकारी ने एडीओ पंचायत कल्याणपुर बृजेश कुमार को तत्काल प्रभार से हटाकर मुख्यालय से अटैच कर दिया गया। सीडीओ ने मामले में एफआईआर के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत बिलसंडा ब्लॉक में 14 नवंबर को 525 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया था। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ स्वयं विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने गांव आए थे। सुशीला देवी नामक महिला ने भी सामूहिक विवाह में प्रेमी के साथ सात फेरे ले लिए।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत बिलसंडा ब्लॉक में 14 नवंबर को 525 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया था। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ स्वयं विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने गांव आए थे। सुशीला देवी नामक महिला ने भी सामूहिक विवाह में प्रेमी के साथ सात फेरे ले लिए।
जबकि महिला की पहली शादी पीलीभीत के सिविल लाइंस निवासी मोहित के साथ हो चुकी है। विवाहिता की पूर्व सास शांति देवी ने अफसरों से शिकायत कर बताया कि जिस सुशीला देवी ने सामूहिक विवाह में फेरे लिए उसकी शादी छह माह पहले उसके बेटे के साथ हुई है। उसने बेटे को धोखा देकर प्रेमी के साथ शादी कर ली। विवाह के लिए नाम, पता व अन्य अभिलेख उसके बेटे के लगाए।
पूर्व सास ने बताया कि कुछ दिन पहले उसकी बहू के मायके वाले उसे ले गए। वहीं से वह सामूहिक विवाह में शामिल हुई।
51 हजार रुपये लेने की नीयत से बेटे को धोखा दिया। नूरपुर गांव में 14 नवंबर को मंच से सीएम योगी भाषण दे रहे थे, वहीं दूसरी ओर मंदिर के निकट 525 जोड़ों की शादी हो रही थी। सीएम ने वर-वधू के सामूहिक रूप से आशीर्वाद भी दिया था। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में सामूहिक विवाह में धोखाधड़ी का मामला सामने के बाद अफसरों में हड़कंप मच गया। डीएम ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। बीडीओ लिलौरीखेड़ा को मामले की जांच सौंपी गई है।
पूर्व सास ने बताया कि कुछ दिन पहले उसकी बहू के मायके वाले उसे ले गए। वहीं से वह सामूहिक विवाह में शामिल हुई।
51 हजार रुपये लेने की नीयत से बेटे को धोखा दिया। नूरपुर गांव में 14 नवंबर को मंच से सीएम योगी भाषण दे रहे थे, वहीं दूसरी ओर मंदिर के निकट 525 जोड़ों की शादी हो रही थी। सीएम ने वर-वधू के सामूहिक रूप से आशीर्वाद भी दिया था। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में सामूहिक विवाह में धोखाधड़ी का मामला सामने के बाद अफसरों में हड़कंप मच गया। डीएम ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। बीडीओ लिलौरीखेड़ा को मामले की जांच सौंपी गई है।