प्रदूषण फिर आपात स्थिति की ओर, पेट्रोल की जगह अब हाइड्रोजन वाहनों पर विचार
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फिर आपात श्रेणी के कगार पर पहुंच गया है। दूसरी ओर, बुधवार को इस पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि वाहनों के लिए अब पेट्रोल के बजाय हाइड्रोजन आधारित जापानी तकनीक लाने पर विचार किया जा रहा है। 


सीजेआई रंजन गोगोई व जस्टिस एमए बोबडे की पीठ ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली समेत उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ चुका हैकि लोगों का सांस लेना दूभर है। कोर्ट ने केंद्र को आदेश देते हुए कहा कि वह नई तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी लेकर 3 दिसंबर तक जवाब दे। 
वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकृत पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली-एनसीआर में स्कूलों को 15 नवंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है। 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए सरकार ने थोड़े-बहुत निर्णायक प्रयास किए हैं, लेकिन अब समस्या के समाधान के लिए कुछ बड़े और स्थायी उपाय तलाशने होंगे। दरअसल, पीठ ने यह बात उस वक्त कही, जब केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, जापान में एक यूनिवर्सिटी ने प्रदूषण को लेकर शोध किया है।
सरकार का मानना है कि यह तकनीक दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से निपटने में कारगर साबित होगी। मेहता ने जापान यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता विश्वनाथ जोशी को भी कोर्ट में पेश किया। उन्हाेंने बताया कि हाईड्रोजन आधारित यह तकनीक प्रदूषण के स्तर को कम करने में अहम साबित होगी। पीठ ने यह भी कहा कि अगर दूसरी पीठों में प्रदूषण से संबंधित कुछ और मामले चल रहे हों तो उन्हें भी इसी सुनवाई में शामिल किया जाए।

सम-विषम पर दिल्ली सरकार को नोटिस, आज सुनवाई


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सम-विषष्म लागू किए जाने के फैसले को लेकर केजरीवाल सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को 1 अक्तूबर से 14 नवंबर तक का वायु गुणवत्ता सूचकांक के आंकडे़ देने को भी कहा है।
पीठ ने पिछले साल 1 अक्तूबर से 31 दिसंबर तक के भी आंकडे़ मांगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश वकील संजीव कुमार की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी। वहीं, दिल्ली सरकार का दावा है कि दिल्ली में इस नियम को लागू करने के बाद प्रदूषण कम हुआ है क्योंकि 15 लाख कारें दिल्ली की सड़कों पर नहीं उतर रही हैं।

केजरीवाल बोले, जरूरत पड़ी तो बढ़ाएंगे सम-विषम


इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर सम-विषम बढ़ाया जा सकता है। राजधानी में 15 नवंबर तक फिलहाल यह योजना लागू है, लेकिन प्रदूषण का स्तर अभी भी खतरनाक स्तर पर है।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फिर आपात स्थिति की ओर


दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही वायु गुणवत्ता 'आपात' श्रेणी के नजदीक जाती दिख रही है। पिछले 15 दिन में दूसरी बार प्रदूषण का इतना प्रकोप देखने को मिल रहा है।
सुबह 11:30 बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 454 रहा, वहीं, फरीदाबाद में 436, गाजियाबाद में 468, ग्रेटर नोएडा में 459, गुड़गांव में 450 और नोएडा में 469 रहा। वायु प्रदूषण गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक, वायु की गुणवत्ता का स्तर 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बेहद खराब, 401 से 500 के बीच गंभीर और 500 से ऊपर गंभीरतम श्रेणी में माना जाता है।