आगरा में थाना शमसाबाद के गढ़ी जहान सिंह गांव में पत्नी सुमन की हत्या कर खुदकुशी करने वाले संजय ने इस वारदात की तैयारी पहले से कर रखी थी। उसे सिर्फ एक बहाने की तलाश थी
पुलिस को ऐसा इसलिए लग रहा है क्योंकि वह कहीं से तमंचा और दो कारतूस लेकर आया था। परिवारीजनों का कहना है कि उन्होंने इससे पहले घर में मौत का यह सामान कभी नहीं देखा।
पुलिस अब मालूम कर रही है कि उसे तमंचा और कारतूस किसने दिए? गोली चलने की आवाज सुनकर सुमन की बहन प्रीति छत पर गई, तो दोनों के शव खून से लथपथ कमरे में पड़े थे। मृतका सुमन की बहन प्रीति की संजय के भाई के साथ शादी हुई थी। दोनों बहनें एक ही घर में रहती हैं।
उसने यह बात नीचे आकर परिवार के अन्य लोगों को बताई, तो चीख-पुकार मच गई। उस समय संजय के पिता आगरा काम करने गए थे। वह राज मिस्त्री का काम करते हैं। छोटा बेटा शिव भी राजमिस्त्री है। संजय मजदूरी करता था।
सूचना पर सीओ फतेहाबाद प्रभात कुमार, थानाध्यक्ष अरविंद कुमार निर्वाल मौके पर पहुंच गए। गोपाली के चार बेटों में अब तीन बचे हैं। शिवसिंह, नरेश और मुकेश। संजय ने जान दे दी। नरेश और मुकेश अपने सालों के साथ दिल्ली की किसी फैक्टरी में काम करते हैं। संजय शिव सिंह केसाथ गांव में रहता था।
कमरे में टूटी मिली चूड़ी
शमसाबाद थानाध्यक्ष अरविंद कुमार निर्वाल ने बताया है कि कमरे में चूड़ी टूटी मिली। जिससे ऐसा लगता है कि वारदात से पहले पति-पत्नी में झगड़ा भी हुआ था। एसओ की मानें तो संजय अपनी पत्नी सुमन पर शक करता था। इसी से दोनों के बीच झगड़ा होता रहता था। बताया कि पुलिस मामले की बारीकी से जांच कर रही है।
सूचना पर सीओ फतेहाबाद प्रभात कुमार, थानाध्यक्ष अरविंद कुमार निर्वाल मौके पर पहुंच गए। गोपाली के चार बेटों में अब तीन बचे हैं। शिवसिंह, नरेश और मुकेश। संजय ने जान दे दी। नरेश और मुकेश अपने सालों के साथ दिल्ली की किसी फैक्टरी में काम करते हैं। संजय शिव सिंह केसाथ गांव में रहता था।
कमरे में टूटी मिली चूड़ी
शमसाबाद थानाध्यक्ष अरविंद कुमार निर्वाल ने बताया है कि कमरे में चूड़ी टूटी मिली। जिससे ऐसा लगता है कि वारदात से पहले पति-पत्नी में झगड़ा भी हुआ था। एसओ की मानें तो संजय अपनी पत्नी सुमन पर शक करता था। इसी से दोनों के बीच झगड़ा होता रहता था। बताया कि पुलिस मामले की बारीकी से जांच कर रही है।
पिता, भाई को नहीं छोड़ना चाहता था संजय
परिवार के लोगों ने बताया कि संजय उसके पिता गोपाली और भाई शिव साथ ही काम करते थे। संजय को मंजूर नहीं था कि पत्नी के कहने पर पिता और भाई का साथ छोड़ना पड़े।
परिवार के लोगों ने बताया कि संजय उसके पिता गोपाली और भाई शिव साथ ही काम करते थे। संजय को मंजूर नहीं था कि पत्नी के कहने पर पिता और भाई का साथ छोड़ना पड़े।