किले की दीवारों -छज्जों पर उगे पेड़ अक्षयवट मार्ग पर खतरे की घंटी
प्रयागराज। मूल अक्षयवट के मार्ग पर किले की दीवारों व छज्जों पर उगे पेड़ श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा कई जगह मार्ग क्षतिग्रस्त भी हो गया है। हालांकि पेड़ों की छंटाई व रास्ते की मरम्मत के बाद मूल अक्षयवट को आम भक्तों के लिए खोला जा सकता है। मूल अक्षयवट को खोलने को लेकर यह रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता वीकेराय ने जिलाधिकारी को सौंपी है। इस रिपोर्ट के बाद मेला प्रशासन ने किले के अंदर काम शुरू करा दिया है। पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं ने बृहस्पतिवार को क्षतिग्रस्त मार्गों, दीवारों व छज्जों पर उगे पेड़ों की नापी कराई। मरम्मत का काम पूरा होते ही अक्षयवट और सरस्वती कूप को खोल दिया जाएगा।
करीब आठ सौ मीटर लंबे मार्ग पर उगी झाड़ियों की सफाई कराने के बाद तकनीकी विशेषज्ञों चार महीने से बंद मूल अक्षयवट के मार्ग का निरीक्षण किया था। पीडब्ल्यूडी के एसई ने डीएम को सौंपी रिपोर्ट में किले की दीवारों व छज्जों पर उगे पेड़ों को छांटने की सलाह दी है। एसई ने कहा है कि पेड़ों की डालियां बड़ी होने की वजह से छज्जे और दीवारों पर उनका भार बढ़ता जा रहा है और वह मेले के दौरान लटक कर कभी गिर भी सकते हैं। ऐसे में उन पेड़ों की छंटाई के अलावा मार्ग की मरम्मत कराकर अक्षयवट को खोला जा सकता है। बृहस्पतिवार को पीडब्ल्यूडी मेला डिवीजन की अवर अभियंता श्वेता सिंह के साथ टीम ने तीन जगहों पर किले की दीवार की नापी कराई। रास्ते की भी नापी कराई गई। मेलाधिकारी रजनीश कुमार मिश्र ने बताया कि पीडब्यूडी की रिपोर्ट आने के बाद मूल अक्षयवट मार्ग पर काम शुरू करा दिया गया है। काम पूरा होते ही अक्षयवट को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।