कांग्रेस से निष्कासित नेता बोले, प्रियंका गांधी हमारी नेता पर हमें निकालने का अधिकार उन्हें नहीं
कांग्रेस से निष्कासित किए गए पूर्व गृह मंत्री व एआईसीसी सदस्य रामकृष्ण द्विवेदी समेत सभी 10 नेताओं ने राजधानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रदेश नेतृत्व की कार्रवाई का विरोध किया। उन्होंने कहा कि एआईसीसी सदस्यों को केंद्रीय अनुशासन समिति ही निष्कासित कर सकती है


पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को अपना नेता मानते हुए उन्होंने कहा कि एआईसीसी सदस्य के खिलाफ कार्रवाई पर सहमति देने का अधिकार उनके पास भी नहीं है।
उन्होंने अपने खिलाफ की गई कार्रवाई को अवैधानिक और साजिश बताते हुए कहा कि प्रियंका के निर्णयों का विरोध करने का आरोप सरासर गलत है। इन नेताओं ने पूरे मामले में सोनिया गांधी से दखल की मांग की।
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर निशाना साधते हुए निष्कासित नेताओं ने कहा कि हमारे लिए इससे अधिक शर्म की बात क्या हो सकती है कि सिनेमा का टिकट ब्लैक करने वाला हमारा अध्यक्ष है।पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि समाचार पत्रों से ही हमें नोटिस भेजने और कार्रवाई की जानकारी मिली। आज तक निष्कासित किए गए एक भी नेता को कारण बताओ नोटिस नहीं मिला है। 


कांग्रेस के संविधान की धज्जियां उड़ाई गईं



त्रिपाठी ने सभी निष्कासित सदस्यों की ओर से एक लिखित वक्तव्य पढ़ते हुए कहा कि 14 नवंबर को प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर आपस में बातचीत करना क्या गुनाह है? निष्कासन की कार्रवाई में कांग्रेस के संविधान की धज्जियां उड़ाई गई हैं।
संविधान में नोटिस देने के बाद 7 दिन का समय देने का प्रावधान है। 24 घंटे का समय देकर आनन-फानन में कार्रवाई कर दी गई। यह आंतरिक लोकतंत्र का गला घोंटने वाली कार्रवाई है।
पार्टी की अनुशासन समिति पर उठाए सवाल
त्रिपाठी ने कहा कि एआईसीसी सदस्यों पर अनुशासनहीनता की शिकायत पर कार्रवाई करने का अधिकार सिर्फ केंद्रीय अनुशासन समिति को है। प्रियंका पार्टी की नेता हैं, लेकिन प्रभारी महासचिव की सहमति का कोई प्रावधान नहीं है।
उन्होंने सभी निष्कासित नेताओं की ओर से कहा कि वे छात्र व युवा जीवन में हुए आंदोलनों की पैदाइश हैं, इसलिए यह कहना अनुचित है कि युवाओं को आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं।
उन्होंने निष्कासन करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। पार्टी की प्रदेश अनुशासन समिति के सदस्यों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इसमें अपराधियों व दूसरे दलों से आए लोगों को भर लिया गया है। उनका निष्कासन इन्हीं बाहरी लोगों की साजिश है। निष्कासित सभी नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित थे।




यह है मामला



प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रविवार को पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी, पूर्व गृह मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, एआईसीसी सदस्य राजेंद्र सिंह सोलंकी, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्रा, विनोद चौधरी व नेकचंद्र पांडेय, युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष स्वयं प्रकाश गोस्वामी और गोरखपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष संजीव सिंह को निष्कासित कर दिया था।
इन सभी पर मौजूदा प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाने के आरोप में कार्रवाई की गई है। इनमें से छह नेता अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी हैं।
मंथन कार्यक्रम चलाएंगे निष्कासित नेता
निष्कासित नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा है कि कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं का विचार मंथन दिसंबर के अंत में नोएडा में होगा। संयोजक राजेंद्र सिंह सोलंकी होंगे। इसके बाद पूर्वांचल और बुंदेलखंड में विचार मंथन का कार्यक्रम चलाया जाएगा। तैयारी समिति की बैठक 30 नवंबर को होगी।