इस वर्ष मांगलिक कार्यक्रम 15 दिसंबर तक ही होंगे। खरमास लगने के कारण 16 दिसंबर से 14 जनवरी 2020 तक किसी भी तरह के शुभ काज नहीं होंगे। 15 जनवरी से ही मांगलिक कार्यक्रम फिर शुरू होंगे।
महामहोपाध्याय डॉ.आदित्य पांडेय और आचार्य पवन तिवारी ने बताया कि देव गुरु बृहस्पति 17 दिसंबर की शाम 5:50 बजे अस्त हो जाएंगे। इसके बाद 11 जनवरी 2020 को फिर उदय होंगे।
महामहोपाध्याय डॉ.आदित्य पांडेय और आचार्य पवन तिवारी ने बताया कि देव गुरु बृहस्पति 17 दिसंबर की शाम 5:50 बजे अस्त हो जाएंगे। इसके बाद 11 जनवरी 2020 को फिर उदय होंगे।
देव गुरु बृहस्पति सूर्य भगवान से 11 डिग्री या उससे कम की दूरी पर होते है तो उन्हें अस्त कहा जाता है। सभी ग्रह राहु और केतु का छोड़कर समय-समय पर अस्त होते रहते हैं। देव गुरु बृहस्पति का पूजन मांगलिक कार्यक्रमों में जरूरी है।
उनके अस्त होने के समय सभी मांगलिक कार्यक्रम वर्जित हो जाते हैं। इस बार 15 दिसंबर को देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु में सूर्य भगवान के प्रवेश करने के साथ ही खरमास शुरू हो जाएंगे। यह स्थिति 14 जनवरी 2020 तक रहेगी। ऐसे में 14 जनवरी तक मांगलिक कार्यक्रम वर्जित रहेंगे।
उनके अस्त होने के समय सभी मांगलिक कार्यक्रम वर्जित हो जाते हैं। इस बार 15 दिसंबर को देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु में सूर्य भगवान के प्रवेश करने के साथ ही खरमास शुरू हो जाएंगे। यह स्थिति 14 जनवरी 2020 तक रहेगी। ऐसे में 14 जनवरी तक मांगलिक कार्यक्रम वर्जित रहेंगे।