एसपी क्राइम आशुतोष मिश्र को फोन कर अभद्रता करने व धमकाने के आरोपी ने सरकारी नंबर के साथ ही उनके निजी नंबर पर भी कॉल की थी। खुद उन्होंने यह जानकारी कर्नलगंज पुलिस को दी है। हालांकि मामले में 24 घंटे बाद भी पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच सकी है।
एसपी क्राइम आशुतोष की ओर से एक दिन पहले कर्नलगंज थाने में तहरीर देकर अज्ञात में गालीगलौच, धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि किसी शख्स ने अज्ञात नंबरों से उनके पास कई बार कॉल की। वह बार-बार इधर-उधर की बातें कर रहा था। उन्होंने उसे रोकना चाहा तो वह अपशब्द कहने लगा। साथ ही उन्हें जान से मारने की धमकी दी। खास बात यह है कि आरोपी ने न सिर्फ एसपी के सीयूजी नंबर पर कॉल की। बल्कि उनके निजी नंबर पर भी फोन किया। कॉल दो अलग-अलग नंबरों से आईं। हालांकि पुलिस दूसरे दिन भी आरोपी के बारे में कुछ पता नहीं लगा सकी। कर्नलगंज पुलिस ने बताया कि मामले की जानकारी सर्विलांस सेल को देने के साथ ही संबंधित नंबरों की सीडीआर निकलवाई जा रही है। यही नहीं यह भी पता लगाया जा रहा है कि दोनों नंबर किसके नाम व किस पते पर जारी कराए गए।
कोई जानने वाला तो नहीं
जिस तरह से एसपी के सरकारी नंबर के साथ ही उनके निजी नंबर पर कॉल कर अभद्रता की गई, उससे इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि कॉलर कोई जानने वाला तो नहीं। दरअसल अफसरों के सीयूजी नंबर का पता लगाना तो आसान है और इनकी जानकारी सार्वजनिक तौर पर भी दी जाती है। लेकिन निजी नंबर को अधिकारी ज्यादातर बेहद गोपनीय ही रखते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि एसपी के निजी नंबर की जानकारी तो किसी करीबी को हो सकती है। पुलिस का कहना है कि जांच की जा रही है।
एसपी क्राइम आशुतोष की ओर से एक दिन पहले कर्नलगंज थाने में तहरीर देकर अज्ञात में गालीगलौच, धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि किसी शख्स ने अज्ञात नंबरों से उनके पास कई बार कॉल की। वह बार-बार इधर-उधर की बातें कर रहा था। उन्होंने उसे रोकना चाहा तो वह अपशब्द कहने लगा। साथ ही उन्हें जान से मारने की धमकी दी। खास बात यह है कि आरोपी ने न सिर्फ एसपी के सीयूजी नंबर पर कॉल की। बल्कि उनके निजी नंबर पर भी फोन किया। कॉल दो अलग-अलग नंबरों से आईं। हालांकि पुलिस दूसरे दिन भी आरोपी के बारे में कुछ पता नहीं लगा सकी। कर्नलगंज पुलिस ने बताया कि मामले की जानकारी सर्विलांस सेल को देने के साथ ही संबंधित नंबरों की सीडीआर निकलवाई जा रही है। यही नहीं यह भी पता लगाया जा रहा है कि दोनों नंबर किसके नाम व किस पते पर जारी कराए गए।
कोई जानने वाला तो नहीं
जिस तरह से एसपी के सरकारी नंबर के साथ ही उनके निजी नंबर पर कॉल कर अभद्रता की गई, उससे इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि कॉलर कोई जानने वाला तो नहीं। दरअसल अफसरों के सीयूजी नंबर का पता लगाना तो आसान है और इनकी जानकारी सार्वजनिक तौर पर भी दी जाती है। लेकिन निजी नंबर को अधिकारी ज्यादातर बेहद गोपनीय ही रखते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि एसपी के निजी नंबर की जानकारी तो किसी करीबी को हो सकती है। पुलिस का कहना है कि जांच की जा रही है।