दूरदराज इलाकों में खोलने होंगे पेट्रोल पंप, सीएनजी बेचना भी होगा जरूरी

अब देश में नए पेट्रोल पंपों की स्थापना पर सीएनजी, जैव ईंधन, एलएनजी, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग आदि नई पीढ़ी के वैकल्पिक ईंधन की बिक्री के लिए कम से कम एक प्वाइंट देना जरूरी हो गया है। इसके साथ कंपनियों के लिए कम से कम पांच फीसदी पंप दूरदराज के इलाकों में और कुल 100 पंप खोलना जरूरी होगा। सरकार ने मंगलवार को पेट्रोल पंप लगाने से जुड़े नियमों में व्यापक बदलाव का एलान किय



इस संबंध में जारी राजपत्र अधिसूचना में लाइसेंसी के लिए पेट्रोल पंपों की स्थापना से जुड़े नियमों का विस्तार से ब्योरा दिया गया है। इसके मुताबिक, 'परिचालन शुरू होने के तीन साल के भीतर पेट्रोल पंप पर सीएनजी, जैविक ईंधन, एलएनजी, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग आदि नई पीढ़ी के वैकल्पिक ईंधनों के लिए कम से कम एक प्वाइंट लगाना होगा।'
सरकार ने पिछले महीने पेट्रोल पंपों की स्थापना से जुड़े नियमों को लचीला बनाते हुए गैर तेल कंपनियों को दुनिया में सबसे तेजी से उभरते बाजार में ईंधन की बिक्री की अनुमति दे दी थी। इस बदलाव से पहले भारत में ईंधन की खुदरा बिक्री का लाइसेंस लेने के लिए एक कंपनी को हाइड्रोकार्बन उत्खनन और उत्पादन, रिफाइनिंग, पाइपलाइनों या एलएनजी टर्मिनलों 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करना जरूरी होता था। अधिसूचना में कहा गया, 'खुदरा बिक्री का अधिकार लेने की इच्छुक इकाई के पास केंद्र सरकार के समक्ष आवेदन करते समय कम से कम 250 करोड़ रुपये की नेटवर्थ होनी चाहिए।' वहीं आवेदन शुल्क 25 लाख रुपये कर दिया गया है।

बताना होगा ईंधन की आपूर्ति का स्रोत


इसमें कहा गया, 'इकाई को कम से कम 100 खुदरा आउटलेट की स्थापना करनी होगी, जिनमें से पांच फीसदी प्रस्तावित आउटलेट अधिकार मिलने के पांच साल के भीतर अधिसूचित दूरदराज के क्षेत्रों में खोलने होंगे।' वहीं आवेदक को आवेदन में उत्पादों की आपूर्ति के स्रोत, टैंक और अन्य बुनियादी ढांचे की क्षमता, उत्पादों की ढुलाई के माध्यम और सालाना आधार पर प्रस्तावित पेट्रोल पंपों के बारे में  बताना होगा।

विदेशी कंपनियों को मिलेगा मौका


सरकार ने इससे पहले 2002 में ईंधन बिक्री की शर्तें तय की थीं और अब एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति सिफारिशों के आधार पर समीक्षा की गई है। इस कदम से फ्रांस की टोटल एसए, सऊदी अरब की अरामको, यूके की बीपी पीएलसी और ट्रैफीगुरा की डाउनस्ट्रीम आर्म प्यूमा एनर्जी के लिए भारतीय बाजार में उतरने का रास्ता भी साफ होगा।

टोटल एसए, बीपी जैसी कंपनियां कर चुकी हैं करार


टोटल एसए ने 1,500 आउटलेट के माध्यम से पेट्रोल-डीजल की बिक्री के लाइसेंस के वास्ते आवेदन करने के लिए नवंबर, 2018 में अडानी समूह के साथ समझौता किया था। वहीं बीपी ने भी पेट्रोल पंपों की स्थापना के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ भागीदारी कायम की थी, लेकिन उसने अभी तक औपचारिक तौर पर आवेदन नहीं किया है। वहीं प्यूमा एनर्जी खुदरा लाइसेंस के लिए आवेदन कर चुकी है, जबकि अरामको इस सेक्टर में उतरने के लिए बातचीत कर रही है। सरकार के स्वामित्व वाली आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल के पास फिलहाल देश में 66,408 पेट्रोल पंप हैं।


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