प्रयागराज। न्यू कैंट स्थित ऑफिसर लाइन बृहस्पतिवार को सेना ने विशेष अभियान चलाकर वर्षों पुराने दर्जन भर से ज्यादा निर्माण ध्वस्त किए। अभियान चलाने के पूर्व सेना द्वारा पिछले सप्ताह ही वहां अवैध निर्माण कर रह रहे लोगों को बता दिया गया था कि वह 26 नवंबर तक अवैध कब्जे हटा लें, अन्यथा उसके बाद सेना अभियान चलाकर अवैध कब्जों को खुद ही ध्वस्त करेगी।
सुबह न्यू कैंट स्थित ऑफिसर लाइन पर सेना अपने पूरे लाव लश्कर के साथ पहुंची। सेना के साथ स्थानीय थाने की पुलिस भी मौजूद रही। इस दौरान एक-एक करके अवैध कब्जों को गिराने का काम शुरू हुआ। सेना के तेवर देख कुछ निर्माण लोगों ने खुद ही तोड़ दिए। सेना अफसरों का कहना है कि ऑफिसर लाइन में सौ से ज्यादा अवैध निर्माण है। सेना की कार्रवाई के दौरान लोगों ने वरिष्ठ अफसरों से गुजारिश कर 15 दिसंबर तक तक समय मांगा।
कहा गया कि 15 दिसंबर तक अवैध निर्माण लोग खुद ही हटा देंगे। लोगों की गुजारिश के बाद सेना ने अपना अभियान बीच में ही स्थगित कर दिया। इसके पूर्व कहार गल्ला में बने भी अवैध कब्जे सेना ने हटाए। यहां सेना के ए वन लैंड में कई अवैध निर्माण थे। सेना ने सभी अवैध कब्जे हटाने के साथ वहां बने शौचालयों को छोड़ दिया। सेना अफसरों ने बताया कि सेना वहां खुद शौचालय बनाएगी। इसके बाद अवैध शौचालयों को ध्वस्त किया जाएगा। इस दौरान छावनी परिषद की जमीन पर बने किसी भी निर्माण को सेना ने नहीं छुआ।
सुबह न्यू कैंट स्थित ऑफिसर लाइन पर सेना अपने पूरे लाव लश्कर के साथ पहुंची। सेना के साथ स्थानीय थाने की पुलिस भी मौजूद रही। इस दौरान एक-एक करके अवैध कब्जों को गिराने का काम शुरू हुआ। सेना के तेवर देख कुछ निर्माण लोगों ने खुद ही तोड़ दिए। सेना अफसरों का कहना है कि ऑफिसर लाइन में सौ से ज्यादा अवैध निर्माण है। सेना की कार्रवाई के दौरान लोगों ने वरिष्ठ अफसरों से गुजारिश कर 15 दिसंबर तक तक समय मांगा।
कहा गया कि 15 दिसंबर तक अवैध निर्माण लोग खुद ही हटा देंगे। लोगों की गुजारिश के बाद सेना ने अपना अभियान बीच में ही स्थगित कर दिया। इसके पूर्व कहार गल्ला में बने भी अवैध कब्जे सेना ने हटाए। यहां सेना के ए वन लैंड में कई अवैध निर्माण थे। सेना ने सभी अवैध कब्जे हटाने के साथ वहां बने शौचालयों को छोड़ दिया। सेना अफसरों ने बताया कि सेना वहां खुद शौचालय बनाएगी। इसके बाद अवैध शौचालयों को ध्वस्त किया जाएगा। इस दौरान छावनी परिषद की जमीन पर बने किसी भी निर्माण को सेना ने नहीं छुआ।