पाकिस्तान में रह रहे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी का भारत में नेटवर्क बनाए रखने के लिए पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई बांग्लादेश सेना के रिटायर कर्नल की मदद ले रही है। भारतीय खुफिया एजेंसियों की लंबे समय से चल रही जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है। 2009 से ब्रिटेन में रह रहे शाहिद उद्दीन खान नाम का पूर्व कर्नल नोटबंदी के बाद नई नकली करेंसी और हथियारों की सप्लाई में अहम भूमिका निभा रहा है। इस नेटवर्क का पता लगाने में इंग्लैंड की खुफिया एजेंसी एमआई-5 भी भारतीय एजेंसी की मदद कर रही है। जांच के दौरान डी-कंपनी की बांग्लादेशी गैंग से साठगांठ में पाक आतंकी संगठनों की संलिप्तता का ठोस सुराग मिला। एमआई-5 की सूचना पर नेपाल में डी कंपनी के गुर्गे यूनुस अंसारी और तीन अन्य पाकिस्तानी नागरिकों को नकली नोट के मामले में गिरफ्तार किया गया। इनसे पूछताछ में शाहिद का नाम सामने आया है।
जैश के नेटवर्क तक है पहुंच
मामले से जुड़े उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि शाहिद के करीबियों का पाक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लोगों के साथ उठना-बैठना है। पिछले कुछ महीनों में ब्रिटेन और दुबई में ऐसी कई मीटिंग हुई है। माना जाता है कि इस साठगांठ में हथियार लॉबी के लोग भी शामिल हैं। बताया जाता है कि कश्मीरी आतंकियों और नक्सलियों को अत्याधुनिक हथियार इसी नेटवर्क के जरिये पहुंचता है।
भारत की सूचना पर बांग्लादेश में छापामारी
इस खुलासे के बाद भारतीय एजेंसी की सूचना पर बांग्लादेश की पुलिस की काउंटर टेररिज्म एंड ट्रांसनेशनल क्राइम (सीटीसीसी) ने कर्नल खान के ठिकानों पर सघन छापेमारी की। सीटीसीसी ने जनवरी 2019 के बाद हुए इस ऑपरेशन की पूरी रिपोर्ट भारत के साथ साझा की है।