इंसानियत को शर्मसार कर फलफूल रहा जारी अवैध गर्भपात का धंधा

सिद्धौर, बाराबंकी। सिद्धौर क्षेत्र के अंतर्गत कैसरगंज चैराहे पर काफी दिनों से एक वन कर्मचारी के मकान में साईं हॉस्पिटल के नाम से संचालित हॉस्पिटल में एबॉर्शन का गोरख धंधा खूब फल-फूल रहा था।
     स्थानीय लोगों द्वारा इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की गई तो उन्होंने मामले को संज्ञान में लेकर गुरुवार की शाम सीएचसी प्रभारी सिद्धौर डॉ हरप्रीत सिंह को अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर कार्यवाही के निर्देश दिए।सीएचसी अधीक्षक में अपनी टीम के साथ अवैध रूप से संचालित हो रहे अस्पताल को सीज कर दिया।चैराहे पर वन विभाग के कर्मचारी रामकिशोर यादव के मकान में लगभग 2 वर्षों से साईं हॉस्पिटल के नाम से खुला अस्पताल में लगातार एबॉर्शन का काम किया जा रहा था। अस्पताल पूरी तरह से अवैध रूप से संचालित हो रहा था ना तो किसी चिकित्सक का पता है और ना ही इस अस्पताल का कहीं रजिस्ट्रेशन फिर भी बेखौफ चलाया जा रहा था।क्षेत्र की आशा मोटी कमीशन के चक्कर में ज्यादातर महिलाओं को जिला अस्पताल न लेजाकर इस अस्पताल में ले जाकर इलाज कराती थी। गुरुवार को स्थानीय लोगों द्वारा इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी रमेशचंद्र की गई। उन्होंने पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल सीएचसी प्रभारी डॉ हरिसिंह कैसरगंज चैराहे पर अवैध रूप से साईं हॉस्पिटल की जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिए। मौके पर पहुंचे सीएचसी अधीक्षक डाक्टर हरप्रीत सिंह, डाक्टर युसूफ खान ने अपनी टीम के साथ  साईं हॉस्पिटल पहुंचे। तो वहां मौजूद स्टाफ व संचालक मौके से फरार हो गए कोई भी यह बताने को तैयार नहीं था कि अस्पताल किसके द्वारा संचालित किया जा रहा है। लेकिन अस्पताल में कई ऐसी चीजें मिली है जिससे पता चला कि यहां पर जरूर अवैध काम किया जा रहा है जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखते ही यहां के कर्मचारी व संचालक सभी मौके से फरार हो गए हैं। 
इसकी जानकारी फोन पर सीएससी अधीक्षक डॉ हरप्रीत सिंह ने सीएमओ को दी सीएमओ के निर्देश पर अवैध रूप से संचालित साईं अस्पताल को सीज कर दिया गया है। डॉ हरप्रीत सिंह का कहना है कैसरगंज चैराहे पर चल रहा साईं हॉस्पिटल का न तो कोई रजिस्ट्रेशन है और  न ही कोई चिकित्सक का पता है।अस्पताल को सीज कर दिया गया है और अस्पताल के संचालक की जानकारी कराई जा रही है। संचालक को चिन्हित कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।