या अली मौला हैदर मौला की सदाओ के बीच हज़रत इमाम अली (अ.स) का ताबूत निकला गया।

बाराबंकी। या अली मौला हैदर मौला की सदाओ के बीच हज़रत इमाम अली (अ.स) का
ताबूत निकला गया। पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब के दामाद व इमाम हसन
(अ.स) इमाम हुसैन (अ.स) पिता और शियों के पहले खलीफा हज़रत इमाम अली (अ.स)
को मस्जिदे क़ुफा में 19 वी रमज़ान संन 40 हिजरी को इस्लाम का पहला
आतंकवादी इब्ने मुलज़िम ने ज़हर बुझी तलवार से नमाज़ पढ़ते वक़्त ज़ख्मी कर
दिया था तीन दिन बाद हजरत इमाम अली (अ.स.) की 21वीं रमज़ान को शहादत हो गई
थी।मौला अली की शहादत की ख़बर आग की तरह पुरे अरब मे फ़ैल गई थी। मौला अली
(अ.स) की याद मे शिया समुदाय के लोग काले कपड़े पहन कर ग़म मनाते है और
जगह-जगह मजलिसो मातम बरपा करते हैं। वहीं देवा रोड स्थित दुर्गापुरी
ग़ुलाम अस्करी हाल मे सुबह 5 बजे मौलाना मोहम्मद रजा जैदपुरी ने मजलिस को
खिताब करते हुवे कहा की हज़रत इमाम अली (अ.स) के दौरे खिलाफत में कोई शख्स
भूखा नही सोता था। मौला अली बराबर से इन्साफ़ करते थे। उन्होंने आगे कहा
कि हज़रत अली अपनी प्रजा का बहुत ख््याल रखते थे। अन्त में मौलाना रजा ने
हज़रत अली के दर्दनाक मसायब बयान किये। जिसे सुनकर रोज़ेदार सिसकियों से
रोने लगे मजलिस के समाप्ति के बाद अस्करी हाल से मौला अली का ताबूत बरामद
हुआ। जुलूस में बड़े बुज़ुर्ग नवजवानो के अलावा छोटे छोटे बच्चे काले कपड़े
पहने हुये थे ओर या अली मौला हैदर मौला की सदाए बुलन्द किये हुये थे। ये
जुलूस अपने कदीमी रास्ते देवा रोड घोसियाना लाईन पुरवा पहुँचा। जहाँ पर
स्व. ज़ुल्फ़िकार हैदर के अजाखाने का ताबूत इस जुलूस मे शामिल हो गया फिर
ये जुलूस छाया चौरहा होता हुआ पुराने निबलेट तिरह पहुँचा जहाँ मोहल्ला
कटरा स्थित मीर मासूम अली इमामबाड़ा के जुलूस मे शामिल होकर बेगमगंज चाँद
तारा बिल्डिंग लाजपत नगर कोतवाली होता हुआ सिविल लाइन कर्बला पहुँचा
जुलूस मे शामिल जवानो व बच्चो ने जम कर सीनाजनी की। इस मौक़े पर शहर की
मशहूर अंजुमनो के साहबे बयाज क़मर इमाम, मुज़फ़्फ़र इमाम, जावेद रिज़वी, नदीम
अब्बास, जोहर, अली नजफी ने अपने ख़ास अन्दाज़ मे नोहाख्वानी व सीनाजनी की।
जुलूस समाप्ति के बाद कर्बला मे मौलाना अली मेहंदी ने मजलिस को सम्बोधित
किया। उसके बाद बेगमगंज स्थित शाही मस्जिद मे मौलाना इब्ने अब्बास और
जैनब इमामबाड़े में ज़ाकिरे अहेलेबेत अहमद रजा ने भी मजलिस को सम्बोधित
किया। जुलूस का नेतृत्व मोहम्मद तहज़ीब अस्करी, मुजाहिद हुसैन नकवी, सादिक़
हुसैन (सभासद), मज़ाहिर हुसैन रिज़वी, नदीम अब्बास, असद रिज़वी ने किया।
इसके अलावा सैय्यदवाड़ा, मोतीपुर, बिलहड़ी, असन्द्रा, नई सड़क, आलमपुर,
मीरापुर, भठिया, गढ़ी, सरायं इस्माइल, कोठी, बदोयसराय, हज़रतपुर, ज़ैदपुर,
केसरवा सादात, मितई, कुर्सी, फहतेपुर, देवा समेत कई इलाक़ों मे शिया
समुदाय के लोगो ने मौला अली की याद में ताबूत अकीदत व बड़े ऐहतराम के साथ
निकला।