चित्रकूट हत्याकांड: जुड़वां बच्चों को दर्दनाक मौत देने वाले हत्यारों की जमानत याचिका खारिज

तेल कारोबारी के जुड़वां बच्चों प्रियांश और श्रेयांश की अपहरण के बाद हत्या के चर्चित मामले में विशेष अदालत ने हत्यारों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने मामले को जघन्य अपराध बताते हुए आरोपी को जमानत देने से इंकार कर दिया है।


अभियोजन ने तर्क दिया कि जमानत देने से आरोपी साक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है। अदालत ने अभियोजन साक्ष्य के लिए तीन दिन 29, 30 और 31 मई की तारीख तय की है।
रामकेश यादव चित्रकूट के आयुर्वेदिक तेल कारोबारी ब्रजेश रावत के जुड़वां बेटों प्रियांश और श्रेयांश को अगवा कर हत्या के बाद लाशों को नदी में फेंकने का आरोपी था। ज्ञात हो कि चित्रकूट में 12 फरवरी को रामघाट निवासी तेल उद्यमी बृजेश रावत के जुड़वां पुत्र प्रियांश व श्रेयांश को जानकी कुंड सद्गुरु स्कूल परिसर से अपहरण कर बीस लाख की फिरौती ली गई। दस दिन बाद दोनों की हत्या कर बबेरू बांदा में नदी किनारे फेंक दिया गया था।



बताते चलें कि चित्रकूट के जानकीकुंड परिसर से दिनदहाड़े जुड़वा मासूम भाइयों को अगवा करने की साजिश इंजीनियरिंग के छात्रों ने पैसों के लिए रची थी। पुलिस की पूछताछ के दौरान शातिरों ने पूरे घटनाक्रम को कुबूल किया था। पहचान के भय से उन लोगों ने मासूमों को मौत के घाट उतार दिया।
यह छात्र इतने शातिर निकले कि परिजनों से फिरौती की रकम मांगने के लिए खुद के बजाए राह चलते लोगों के फोन का इस्तेमाल किया। चित्रकूट में आईजी रींवा चंचल शेखर ने मीडिया के सामने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया था। कहा कि जुड़वा भाइयों को अगवा करने के बाद से डीआईजी रींवा की अगुवाई में एक एसआईटी गठित की गई थी।