भीषण गर्मी से खेती, जल स्तर प्रभावित, कई राज्यों का बुरा हाल
भारत में इस वक्त भीषण गर्मी हो रही है, हालांकि कुछ स्थानों पर बारिश होने से फिलहाल राहत मिली है। लेकिन बीते दिनों देश के कई हिस्सों में लगातार गर्मी और तापमान बढ़ने से लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। सोमवार को भी पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया था। केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि गर्मी ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मैदानी इलाकों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है। बारिश भी लंबी अवधि के औसत से 21 फीसदी तक कम हुई है। वहीं 91 मुख्य जलाशयों में पानी का स्तर भी काफी कम हो गया है। देशभर में 91 प्रमुख जलाशयों में अपनी क्षमता का औसतन 25 फीसदी ही पानी रह गया है। चलिए उन राज्यों के बारे में जानते हैं जो गर्मी से सबसे अधिक 



तेलंगाना


औसत तापमान- यहां का तापमान 40 से 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। जो बीते साल के मुकाबले 6 डिग्री सेल्सियस अधिक है।

वर्षा की कमी- बीते दस साल के औसत के मुकाबले बारिश में 46 फीसदी की कमी आई है। 

जलाशयों में जल स्तर- 

- श्रीरामासागर बांध : जल स्तर 10 साल पहले 12 फीसदी था जो अब कम होकर 8 फीसदी रह गया है।

- लोअर मनेर बांध : जल स्तर 10 साल पहले 23 फीसदी था जो अब कम होकर 15 फीसदी रह गया है।

बीजों की बुआई- बीते साल के मुकाबले अब केवल 89 फीसदी भूमि पर ही बुआई हो रही है।

प्रभाव- राज्य के सभी जिले प्रभावित हो रहे हैं।





आंध्रप्रदेश


औसत तापमान- यहां का तापमान 45 से 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। जो बीते साल के मुकाबले 2 डिग्री सेल्सियस अधिक है।

वर्षा की कमी- बीते दस साल के औसत के मुकाबले बारिश में 32.54 फीसदी की कमी आई है। 

जलाशयों में जल स्तर- 

- नागार्जुन सागर बांध : पिछले 10 सालों में जल स्तर 13 फीसदी की तुलना में अब 1 फीसदी रह गया है।

- श्रीसाइलम: पिछले 10 सालों में जल स्तर 15 फीसदी की तुलना में अब 10 फीसदी रह गया है।

बीजों की बुआई- बीते साल के मुकाबले अब 90 फीसदी भूमि पर ही बुआई हो रही है।

प्रभाव- राज्य के चार जिले सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। ये जिले हैं, गुंटूर, प्रकासम, कृष्णा और नेल्लोर।





महाराष्ट्र


औसत तापमान- यहां का तापमान 42.5 से 45.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। जो बीते साल के मुकाबले 3 डिग्री सेल्सियस तक अधिक है।

वर्षा की कमी- बीते दस साल के औसत के मुकाबले बारिश में 65 फीसदी की कमी आई है। 

जलाशयों में जल स्तर- 

- कुल जल स्तर 2018 में 30.38 फीसदी था, जो अब कम होकर 15.24 फीसदी रह गया है।

- पीने के पानी और सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले छोटे और मध्यम जलाशयों में 17.4 फीसदी पानी रह गया है, जो बीते साल 29.5 फीसदी थी।

- 20 बांध ऐसे हैं, जिनका जल स्तर 0 फीसदी ही है। यानि इनमें बिल्कुल भी पानी नहीं बचा है।

बीजों की बुआई- बीते साल के मुकाबले अब केवल 41 फीसदी भूमि पर ही बुआई हो पा रही है।

प्रभाव- विधर्भ के सभी 11 जिले, सेंट्रल महाराष्ट्र के तीन जिले और उत्तरी महाराष्ट्र के दो जिले प्रभावित हो 





तमिलनाडु


औसत तापमान- यहां का तापमान 39 से 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। जो बीते साल के मुकाबले 3 डिग्री सेल्सियस तक अधिक है।

वर्षा की कमी- बीते दस साल के औसत के मुकाबले बारिश में 62 फीसदी की कमी आई है। 

जलाशयों में जल स्तर- दस साल पहले तक अलियार बांध में 41 फीसदी पानी था जो अब केवल 7 फीसदी ही रह गया है।

बीजों की बुआई- बीते साल के मुकाबले अब केवल 62 फीसदी भूमि पर ही बुआई हो रही है।

प्रभाव- राज्य के करीब आठ जिले गर्मी से बुरी तरह प्रभावित हो 





गुजरात


औसत तापमान- यहां का तापमान 39.1 से 42.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। जो बीते साल के मुकाबले 3 डिग्री सेल्सियस तक अधिक है।

वर्षा की कमी- बीते दस साल के औसत के मुकाबले बारिश में 69 फीसदी की कमी आई है। 

जलाशयों में जल स्तर- 

- सरदार सरोवर बांध में 10 साल पहले तक पानी का स्तर 13 फीसदी था, जो अब 20 फीसदी है।

- दमनगंगा बांध में दस साल पहले 32 फीसदी जल स्तर था जो अब 13 फीसदी रह गया है।

- वहीं भादर बांध में दस साल पहले तक जल स्तर 18 फीसदी था जो अब महज 5 फीसदी रह गया है।

बीजों की बुआई- बीते साल के मुकाबले अब केवल 87 फीसदी भूमि पर ही बुआई हो रही है। वहीं मूंग और उड़द जैसी दालों की बुआई में 35 फीसदी की कमी आई है।

प्रभाव- भीषण गर्मी से कम से कम 96 तालुका, कच्छ के पांच जिले, बनासकांठा, साबरकांठा, जामनगर और सुंदरनगर प्रभावित हो रहे हैं।