बंगाल हिंसा की जांच हो :-देवेन्द्र


प्रयागराज-भाजपा काशी क्षेत्र विधि प्रकोष्ठ संयोजक देवेन्द्र नाथ मिश्र ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तानाशाही ममता बनर्जी जी हिंसा के दम पर सत्ता हासिल करना चाह रही हैं जो असम्भव है.रोड शो में उमड़ी भीड़ ने ममता जी की विदाई तय कर दी है इसी हताशा में उनके द्वारा हिंसात्मक कार्यवाही कर प.बंगाल में लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया गया है.
पिछले छः चरण के चुनाव में इन्होने हिंसा के सिवाय कुछ नही किया.
भाजपा के रोड शो में साजिश के तहत ममता जी के कार्यकर्ताओं ने पथराव कर हिंसा ही नही फैलाया बल्कि ईश्वर चंद विद्यासागर जी की मूर्ति तोड़ने का पाप भी किया है.जबकि भाजपा कार्यकर्ता सड़को पर थे और कम्पाउण्ड में तृणमूल कार्यकर्ता थे.कालेज के सभी दरवाजे बंद थे और बाहर पुलिस का पहरा फिर मूर्ति किसने तोड़ी.
देश के प्रधानमंत्री को गुंडा कहना ममता जी का कुण्ठाग्रस्त होना दर्शाता है और इसी निराशा में अशोभनीय आरोपों पर उतर आई है लेकिन भाजपा उनके धमकी से नही डरने वाली और लोकतंत्र जिंदा भी है इसका जवाब ममता जी को देना पड़ेगा.
ममता जी सिर्फ 42 सीटों पर सिर्फ प.बंगाल में चुनाव लड़ रही हैं जबकि भाजपा सभी प्रदेशो में चुनाव लड़ रही है और सभी जगह भाजपा की सरकारे नही हैं और जहाँ पर भी क्षेत्रीय पार्टियो की सरकार है वहां कहीं भी हिंसा नही हुई.
भाजपा के रोड शो के पहले भाजपा के होर्डिंग बैनर फाड़े गए.पथराव के बाद भाजपाईयों की गाड़ियों में आगजनी की गई और कार्यकर्ताओं को मारापीटा गया.केंद्रीय सुरक्षा बल न होती तो तृणमूल के गुंडे अमित शाह जी को भी नही छोड़ते इस घटना की निष्पक्ष एसआईटी जांच हो.
चुनाव आयोग निष्पक्ष काम नही कर रही है समाज विरोधी कार्यो में लिप्त सैकड़ो गैंगेस्टर जेल में होने की जगह सड़को पर घूमकर आतंक फैला रहे हैं और भाजपा पर आरोप लगाने से तृणमूल के पाप नही धुल सकते.
पंचायत चुनाव हो या विधानसभा चुनाव हिंसा के दम पर सत्ता प्राप्त करने की भूख ने लोकसभा चुनाव में भी वही कृत्य किया मगर पाप का घड़ा भर गया है अब 23 मई को उनके इस तरह के अनैतिक कृत्यों का अंत होना जनता ने तय कर दिया है.
अभी तक के हुए चुनाव में जनता ने भाजपा सरकार के पक्ष में जबरजस्त मतदान कर भाजपा सरकार बनाने का काम कर दिया है अब सिर्फ मतगणना और जीत की घोषणा की औपचारिकता मात्र रह गई है।