आय से अधिक संपत्ति: मुलायम-अखिलेश को राहत, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

सीबीआई ने मंगलवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में उच्चतम न्यायालय में समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के खिलाफ हलफनामा दाखिल किया है। अपने हलफनामे में सीबीआई का कहना है कि वह मुलायम और अखिलेश के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति मामले में उन्हें पहले ही क्लीनचिट दे चुका है। सीबीआई ने आगे कहा कि उसे पिता और बेटे के खिलाफ नियमित मामला (आरसी) दर्ज करने के लिए इससे पहले 12 अप्रैल को मामले की सुनवाई हुई थी। जिसमें सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह 2013 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच बंद कर चुका है। 
इससे एक दिन पहले ही यादव ने खुद को निर्दोष बताते हुए आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार दिया था। अदालत ने जांच एजेंसी को चार हफ्तों के अंदर अपने रुख को साफ करते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा था। ताकि जिसके बाद वह इस मामले में आगे की सुनवाई कर सके।
मुलायम के खिलाफ वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी ने आय से अधिक संपत्ति की याचिका दाखिल की है। सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि उसने मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के खिलाफ 2013 के आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में प्राथमिक जांच को बंद कर दिया गया था।
इससे पहले 11 अप्रैल को यादव ने उच्चतम न्ययालय में दावा किया था कि सीबीआई ने उन्हें इस मामले में प्रथम दृष्ट्या क्लीनचिट दे दी थी। उन्होंने कहा था कि एजेंसी को उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में कोई सबूत नहीं मिले थे।
बता दें कि अदालत में मुलायम के अलावा बेटों अखिलेश और प्रतीक यादव के खिलाफ भी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में सुनवाई चल रही है। 25 मार्च को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने सीबीआई को इस मामले में जांच की स्थिति बताने के संबंध में दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।


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