यू-ट्यूब के वीडियो से पकड़ा गया एमबीए पास चोर, पिता से मिली थी ट्रेनिंग
यू-ट्यूब पर मौजूद वीडियो की मदद से पुलिस की अपराध शाखा ने एक ऐसे बदमाश को दबोचा है, जो एमबीए पास है। वह दिन में बच्चों को अंग्रेजी का ट्यूशन पढ़ाता और रात को मोबाइल शोरूम का शटर तोड़कर चोरी करता। आरोपी सुंदर नगरी, नंद नगरी निवासी मोहम्मद साजिद (31) है। इसके पास से चोरी में इस्तेमाल औजार के अलावा अलग-अलग शोरूम से उड़ाए गए 72 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।
अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त डॉ. जी. रामगोपाल नायक ने बताया कि उनकी टीम के हवलदार गुरचरण को 26 मार्च को दो चोरों का एक वीडियो मिला। यह वीडियो यू-ट्यूब और अन्य सोशल मीडिया साइट पर भी था। इसमें दो लड़के करावल नगर और लोनी इलाके में दो दुकानों के शटर तोड़कर मोबाइल उड़ाते हुए दिख रहे थे। टीम के एक मुखबिर ने एक आरोपी की पहचान सुंदर नगरी निवासी मोहम्मद साजिद के रूप में की। पुलिस टीम ने छापेमारी कर शनिवार को आरोपी को सुंदर नगरी से दबोच लिया।
शुरू में साजिद अंग्रेजी में बातचीत कर पुलिस अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश करने लगा, लेकिन सख्ती से पूछताछ में टूट गया। उसने बताया कि दिल्ली से एमबीए करने के बाद उसे नौकरी नही मिली। इसके बाद उसने दिन में ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया और रात में पंकज उर्फ लक्की के साथ मिलकर मोबाइल शोरूम से चोरी करने लगा। इन्होंने विशेष तरह के औजार बनवाए थे, जिसकी मदद से चंद मिनट में ही किसी भी शटर को उखाड़ लेते थे। साजिद की गिरफ्तारी से नंद नगरी, लोनी और करावल नगर में चोरी के तीन मामले सुलझे हैं।


10वीं में साजिद लाया था 98 फीसदी नंबर, फर्रांटेदार बोलता है अंग्रेजी



अपराध शाखा की गिरफ्त में आया मोहम्मद साजिद बेहतरीन स्टूडेंट रहा है। उसने 10वीं कक्षा में दिल्ली में 98 फीसदी अंक हासिल किए थे। 12वीं और ग्रेजुएशन भी उसने प्रथम श्रेणी में पास की। इसके बाद भी विरासत में मिली चोरी की ट्रेनिंग को आगे बढ़ाते हुए उसने अपराध का रास्ता अख्तियार किया। उसका पिता मोहम्मद आबिद कुख्यात चोर है। 2015 में अंबाला में चोरी करते हुए आबिद ने गृहस्वामी की हत्या कर दी थी। फिलहाल वह 2015 से ही जेल में है।
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि साजिद का परिवार शुरू से दिल्ली में रहा। पिता के कुख्यात चोर होने के बावजूद साजिद पढ़ाई में अच्छा रहा। साथ-साथ उसे पिता से चोरी करने की ट्रेनिंग भी मिलती रही। 2007-2008 में साजिद ने सुंदर देव इंस्टीट्यूट से एमबीए किया। कुछ दिन नौकरी की तलाश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। उसकी अंग्रेजी बहुत अच्छी है। उसने दिन में 12वीं कक्षा तक के छात्रों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। इस बीच, पिता से विरासत में मिली चोरी की ट्रेनिंग के कारण वह अपराध की दुनिया में उतर गया। अपने दोस्त पंकज उर्फ लक्की के साथ मिलकर वह चोरी की वारदात करने लगा। शुरुआती जांच के बाद पुलिस को साजिद के तीन वारदात में शामिल होने का पता चला है।