जैविक अनुसन्धान में सांख्यिकी महत्वपूर्ण भूमिका

प्रयागराज-मुविवि में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन


उ0प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के विज्ञान विद्या शाखा एवं स्वास्थ्य
विज्ञान विद्याशाखा के संयुक्त तत्वावधान में सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक
शास्त्रार्थ सभागार में 'जैविक विज्ञान एवं जैव-सांख्यिकी' विषय पर आयोजित दो
दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला सम्पन हुआ। कार्यशाला के
विशिष्ट अतिथि कॉनकुक यूनिवर्सिटी सियोल, दक्षिण कोरिया के प्रो0 संतोष
कुमार ने कहा कि जैविक अनुसन्धान में सांख्यिकी का महत्वपूर्ण स्थान है।
अभिनव एवं महत्वपूर्ण शोध में सही परिणाम तक पहुंचने के लिए सांख्यिकी बहुत
जरूरी है।
बायोवेद इन्स्टीट्यूट के डॉ0 वी0के0 द्विवेदी ने कहा कि ग्रामीण
युवाओं एवं महिलाओं के स्वरोजगार एवं अतिरिक्त आय के लिये 'लाख' और
'मोती' की खेती लाभदायक है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की डॉ0 नीतू मिश्रा ने
भारतीय मसालों में औषधीय एवं आयुर्वेदिक गुणों की व्याख्या की ।
उन्होंने कहा कि ये मसाले कई तरह के रोगों से भी हमें बचाते हैं। अन्य
प्रमुख वक्ताओं में नेहरू साइंस सेन्टर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डॉ0 सुधीर
कुमार सिंह, प्रो0 जी0एस0 शुक्ला, प्रो0 ओमजी गुप्ता, प्रो0 पी0पी0 दुबे।