समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पावर कॉर्पोरेशन के भविष्य निधि घोटाले को लेकर भाजपा व सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी सत्ता नए-नए बहानों से जनता का ध्यान भटकाने की साजिश कर रही है। द्वेष की राजनीति के चलते झूठे आरोप लगा रही है। उन्होंने डिफॉल्टर कंपनी डीएचएफएल से 20 करोड़ रुपये का चंदा लेने का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि ऊर्जा मंत्री बताएं कि ये रिश्ता क्या कहलाता है
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा कि ट्विटर पर आरोप लगाने की बजाय प्रेसवार्ता कर उन्हें एक-एक आरोप का जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। दोनों आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं, मामले की विस्तृत जांच में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
अखिलेश ने रविवार को कहा, भाजपा सरकार को बताना होगा कि बिजली कर्मियों के हक का पैसा डिफॉल्टर कंपनी में लगाने की मेहरबानी के पीछे क्या रहस्य है? उन्होंने सवाल किया कि इतना बड़ा भ्रष्टाचार ढाई साल तक पर्दे में क्यों रहने दिया गया? मामला मीडिया में न आता तो दब जाता। जब मामला सीबीआई को देने की बात है तो फिर आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को जांच क्यों दी जा रही है?
अखिलेश ने रविवार को कहा, भाजपा सरकार को बताना होगा कि बिजली कर्मियों के हक का पैसा डिफॉल्टर कंपनी में लगाने की मेहरबानी के पीछे क्या रहस्य है? उन्होंने सवाल किया कि इतना बड़ा भ्रष्टाचार ढाई साल तक पर्दे में क्यों रहने दिया गया? मामला मीडिया में न आता तो दब जाता। जब मामला सीबीआई को देने की बात है तो फिर आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को जांच क्यों दी जा रही है?
भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर घी पीती है भाजपा
अखिलेश ने कहा, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर घी पीने वाली भाजपा का असली चाल-चरित्र जनता के सामने आ रहा है। लोकतंत्र लोक-लाज से चलता है लेकिन भाजपा सरकार इससे दूर-दूर रहती है। सपा सरकार के कार्यकाल में विकास कार्यों की एक-एक ईंट उखाड़कर गड़बड़ी खोजने वाले भाजपाई शूरवीर ढाई साल में कुछ खोज नहीं पाए। अब अपनी कालिख वाली छवि बचाने के लिए दूसरों पर कीचड़ उछालने की नाकाम कोशिश करने में लग गए हैं। अनंतकाल तक जनता को धोखा नहीं दिया जा सकता।
टांडा-ऊंचाहार बिजलीघर भाजपा ने बेचे
सपा अध्यक्ष ने कहा, सरकार नहीं बता रही कि बिजली कर्मियों के जो 2600 करोड़ रुपये डीएचएफ.एल में फंसे हैं, उसकी वसूली के लिए क्या ठोस कदम उठा रही है? वैसे भी भाजपा जब-जब सत्ता में रही, बिजली विभाग में लूट मची। टांडा और ऊंचाहार बिजलीघर भाजपा सरकार में ही बिके थे। भाजपा सरकार ने कोई नया बिजलीघर नहीं लगाया और न ही एक यूनिट बिजली का उत्पादन किया। अब बिजली कर्मियों का पैसा भी डुबा दिया।
टांडा-ऊंचाहार बिजलीघर भाजपा ने बेचे
सपा अध्यक्ष ने कहा, सरकार नहीं बता रही कि बिजली कर्मियों के जो 2600 करोड़ रुपये डीएचएफ.एल में फंसे हैं, उसकी वसूली के लिए क्या ठोस कदम उठा रही है? वैसे भी भाजपा जब-जब सत्ता में रही, बिजली विभाग में लूट मची। टांडा और ऊंचाहार बिजलीघर भाजपा सरकार में ही बिके थे। भाजपा सरकार ने कोई नया बिजलीघर नहीं लगाया और न ही एक यूनिट बिजली का उत्पादन किया। अब बिजली कर्मियों का पैसा भी डुबा दिया।
ऊर्जा मंत्री ने प्रेस वार्ता में कही ये बात
वहीं, रविवार को लोक भवन में प्रेसवार्ता में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के पोषक सपा, बसपा और कांग्रेस के नेताओं का योगी सरकार पर आरोप लगाना हास्यास्पद और शर्मनाक है। प्रेसवार्ता के दौरान ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार, सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी और सूचना निदेशक शिशिर भी मौजूद थे।
जमीन घोटाले पर जवाब दें प्रियंका
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की शहजादी प्रियंका वाड्रा को यूपीए सरकार के समय बीकानेर और हरियाणा में गरीब किसानों की जमीन हथियाने के लिए उनके पति द्वारा किए गए घोटाले को याद रखना चाहिए। यूपीए सरकार में हुए घोटालों के कारण ही उनके वित्त मंत्री पी. चिदंबरम जेल में हैं। प्रियंका को यूपीए सरकार के समय हुए घोटालों पर जवाब देना चाहिए।
जमीन घोटाले पर जवाब दें प्रियंका
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की शहजादी प्रियंका वाड्रा को यूपीए सरकार के समय बीकानेर और हरियाणा में गरीब किसानों की जमीन हथियाने के लिए उनके पति द्वारा किए गए घोटाले को याद रखना चाहिए। यूपीए सरकार में हुए घोटालों के कारण ही उनके वित्त मंत्री पी. चिदंबरम जेल में हैं। प्रियंका को यूपीए सरकार के समय हुए घोटालों पर जवाब देना चाहिए।
ऊर्जा मंत्री बोले- संज्ञान में आते ही कार्रवाई की
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सरकार ने मामला संज्ञान में आते ही कार्रवाई की है। 10 जुलाई 2019 को विभाग को शिकायत मिली। पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार ने 12 जुलाई को जांच कमेटी गठित की। 29 अगस्त को जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
रिपोर्ट में ट्रस्ट द्वारा गाइडलाइन का पालन नहीं करना, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में निवेश के आवेदन पत्रों की हस्ताक्षरित प्रतियां नहीं कराना, ट्रस्ट की राशि के 99 प्रतिशत से अधिक केवल 3 हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में निवेश करना, 65 प्रतिशत राशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस में निवेश करना, सामने आया। जांच रिपोर्ट मिलते ही 10 अक्तूबर को प्रथमदृष्टया आरोपी तत्कालीन सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता, महाप्रबंधक (वित्त)को निलंबित किया गया।
उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल 2014 को बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने बैंक के निवेश की तरह अधिक सुरक्षित एवं अधिक सुनिश्चित ब्याज वाले विकल्प मिलने पर उन पर विचार करने और आवश्यकता पड़ने पर निवेश सलाहकार की सेवाएं लेने के लिए निदेशक (वित्त) को अधिकृत किया था।

अक्तूबर 2016 तक दोनों ट्रस्टों की राशि को राष्ट्रीयकृत बैंकों में फिक्स डिपॉजिट में ही निवेश किया जा रहा था। 17 मार्च 2017 को निजी क्षेत्र की दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में सावधि जमा कर दिया।
रिपोर्ट में ट्रस्ट द्वारा गाइडलाइन का पालन नहीं करना, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में निवेश के आवेदन पत्रों की हस्ताक्षरित प्रतियां नहीं कराना, ट्रस्ट की राशि के 99 प्रतिशत से अधिक केवल 3 हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में निवेश करना, 65 प्रतिशत राशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस में निवेश करना, सामने आया। जांच रिपोर्ट मिलते ही 10 अक्तूबर को प्रथमदृष्टया आरोपी तत्कालीन सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता, महाप्रबंधक (वित्त)को निलंबित किया गया।
उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल 2014 को बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने बैंक के निवेश की तरह अधिक सुरक्षित एवं अधिक सुनिश्चित ब्याज वाले विकल्प मिलने पर उन पर विचार करने और आवश्यकता पड़ने पर निवेश सलाहकार की सेवाएं लेने के लिए निदेशक (वित्त) को अधिकृत किया था।
अक्तूबर 2016 तक दोनों ट्रस्टों की राशि को राष्ट्रीयकृत बैंकों में फिक्स डिपॉजिट में ही निवेश किया जा रहा था। 17 मार्च 2017 को निजी क्षेत्र की दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में सावधि जमा कर दिया।