कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में मेरे उल्लेखनीय कार्यो को देखते हुए शिक्षक दिवस पर मुझे सरस्वती सम्मान देने का निर्णय लिया था लेकिन कुछ लोग साजिश करके बदनाम करना चाहते है।
यह बातें चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ शिक्षाविद डा आरपी वर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान शनिवार को सिविल लाइंस के एक होटल में कही।
डा वर्मा ने कहा कि चयन बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए 2011-12 के दौरान कई उल्लेखनीय कार्य किया था जिसमें आनलाइन आवेदन लेने, आनलाइन संशोधन, हेल्पलाइन, हेल्पडेस्क, चयन बोर्ड की नयी बिल्डिंग और टीजीटी,पीजीटी और प्रधानाचार्यो के रिक्त 2011 और 2013 का विज्ञापन जारी करके भर्ती प्रक्रिया शुरु करवा दिया था । कहा कि चयन बोर्ड में जितना काम सवा वर्ष अध्यक्ष रहते हुए किया है उतना कार्य आज तक नही हुआ है। उल्लेखनीय है कि अम्बेडकर नगर निवासी चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ शिक्षाविद राजकीय डिग्री कालेज गोसाईं खेडा उन्नाव के हिन्दी के विभागाध्यक्ष डा आरपी वर्मा है। उन्होंने 44 वर्ष की उम्र में विभिन्न विषयों पर 80 से अधिक पुस्तकें लिखी है जबकि 150 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके है। देश और विदेश की प्रतिष्ठित संस्थाओं की ओर से 100 से अधिक बार सम्मानित / पुरस्कृत किये जा चुके है। बुन्देलखण्ड विवि में डा वर्मा पर शोध चल रहा है। उनका कहना है कि साहित्य से समाज की सेवा करता रहूंगा। किसी के कीचड उछालने से मेरे ऊपर कोई फर्क नही पडने वाला है।