अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया है जिसमें उन्होंने कश्मीर मध्यस्थता का जिक्र किया था। भारत शुरुआत से कहता रहा है कि कश्मीर उसका और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है। जिसमें वह किसी भी देश का हस्तक्षेप नहीं चाहता है। वहीं पिछले कुछ समय से ट्रंप सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों को मध्यस्थता का प्रस्ताव दे चुके हैं। जिसे कि भारत ने मानने से मना कर दिया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीट किया था, 'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से द्विपक्षीय वार्ता की। जिसमें उनसे पूछा गया कि क्या वह कश्मीर मसले पर दोबारा मध्यस्थता करना चाहते हैं तो उन्होंने कहा, 'मैं तैयार हूं, सक्षम हूं। यह जटिल मुद्दा है। यह काफी लंबे समय से चल रहा है। यदि दोनों पक्षा चाहते हैं तो मैं मध्यस्थता करने को तैयार हूं।'
इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए ट्रंप ने लिखा, 'उम्मीद है कि दोनों पक्ष इस समस्या का जल्द समाधान करेंगे।' हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से इमरान दुनियाभर के देशों से मदद की गुहार लगा रहे हैं लेकिन उन्हें हर जगह से झटका ही लग रहा है।
इसी मुद्दे पर अमेरिकी मदद की आस लगाए ट्रंप से मिलने पहुंचे पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बातचीत को तैयार नहीं है। यह एक बड़े संकट की शुरुआत है। हम इस मामले के समाधान के लिए अमेरिका की ओर देख रहे हैं। इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके भारत के साथ अच्छे संबंध हैं। उम्मीद है कि कश्मीर पर दोनों देश एक साथ आएंगे। साथ ही कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान दोनों तैयार हों तो वह इस मुद्दे पर मध्यस्थता कर सकते हैं।
इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए ट्रंप ने लिखा, 'उम्मीद है कि दोनों पक्ष इस समस्या का जल्द समाधान करेंगे।' हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से इमरान दुनियाभर के देशों से मदद की गुहार लगा रहे हैं लेकिन उन्हें हर जगह से झटका ही लग रहा है।
इसी मुद्दे पर अमेरिकी मदद की आस लगाए ट्रंप से मिलने पहुंचे पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बातचीत को तैयार नहीं है। यह एक बड़े संकट की शुरुआत है। हम इस मामले के समाधान के लिए अमेरिका की ओर देख रहे हैं। इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके भारत के साथ अच्छे संबंध हैं। उम्मीद है कि कश्मीर पर दोनों देश एक साथ आएंगे। साथ ही कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान दोनों तैयार हों तो वह इस मुद्दे पर मध्यस्थता कर सकते हैं।