हिन्द आयुर्विज्ञान संस्थान और इंडियन अकादमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स द्वारा 'विश्व स्तनपान सप्ताह' के अवसर पर "स्तनपान: समस्याओं व मिथकों का निवारण" विषय पर एक विशेषज्ञ पैनल चर्चा का आयोजन गर्भवती एवं धात्री महिलाओं, आशा बहुओं और नर्सिंग छात्र-छात्राओं की उपस्तिथि में हुआ | बालरोग विशेषज्ञ डॉ. उत्कर्ष बंसल ने बताया की माँ का दूध शिशु के सम्पूर्ण शारिरिक और मानसिक विकास के पोषणयुक्त, रोग-प्रतिरोधकक्षमतावर्धक और भविष्य में डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, दमा से बचाव देने वाला होता है | डॉ. जी.के.सिंह ने बताया की शिशु को जन्म के तुरंत बाद, माँ का पीला गाढ़ा दूध आवश्य पिलाएं, इससे शिशु को बीमारियों से लड़ने की शक्ति और उचित पोषण मिल जाता है | स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. ए. डी. दिवेदी ने कहा की स्तनपान से माँ और शिशु में प्यार का रिश्ता कायम तो होता ही है साथ ही प्रसुतोत्तर रक्तस्राव कम होता, वजन जल्दी घटता और स्तन, गर्भाशय व अंडाशय के कैंसर से बचाव होता है | डॉ. फातिमा ने कहा की छ: माह तक माँ का दूध शिशु के लिए पूर्णआहार है और उसे पानी, घुट्टी, शहद या ऊपर का दूध नहीं देना चाहिये | स्तनपान कराते हुए शिशु के सिर और शरीर को सीधा रखते हुए उसके मुहँ में स्तन के निप्पल के बाहर का भूरा भाग (अरिओला) भी हो और ठोड़ी स्तन को छुए | डॉ. अंजना अग्रवाल ने कहा की गर्भावस्था में ही स्तनपान के लाभ का परामर्श एवं वक्ष निरिक्षण होना चाहिए | माँ के स्तन के आकार या वजन का स्तनपान पर कोई प्रभाव नहीं होता | माँ को संतुलित आहार लेना चाहिए | दूध बढ़ाने का सबसे अच्छा उपाय बार-बार और खासकर रात में स्तनपान कराना है, कोई दवा नहीं | एक स्तन से करीब 20 मिनट तक पिलाएं क्योंकि बाद का दूध ज्यादा गाढ़ा होता | डॉ. सोनिया लूथरा अनुसार प्रसव के डेढ़ माह बाद कोई गर्भनिरोधक इस्तेमाल करें जिसमे इंजेक्शन श्रेष्कर है | अगर माँ के निप्पल पर कटाव हो जाये तो अपना दूध ही उसपर दवा की तरह लगायें | वक्ष का अतिपूरण हो जाये तो सिकाई करें और दूध को हाथ से निकल दें | कामकाजी महिलाएं काम पर जाने से पहले अपना दूध कटोरी में निकल कर रखें जिसे 6 घंटे तक कटोरी-चम्मच से शिशु को पिला सकते | डॉ. आर.आहूजा ने कहा की ऊपर का दूध और बोतल शिशु के सबसे बड़े शत्रु हैं, ये डायरिया, निमोनिया, कुपोषण का प्रमुख कारण हैं | छ: माह के बाद भी स्तनपान कमसेकम 2 वर्ष तक जारी रखते हुए घर का बना पूरक आहार खिलाना आरम्भ कर देना चाहिए | अंत में नर्सिंग छात्रों ने नाटक के माध्यम से इस विषय को समझाया | कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ.जे.वी.सिंह, डॉ.ऋचा, डॉ.न्याय, डॉ.अभिषेक, डॉ.आदित्य, डॉ.स्वाति, डॉ.अमित, डॉ.मधुलिका, डॉ.अस्मिता, डॉ.लावण्या, इंटर्न पल्लवी, गुरवानी, निशा, कल्पना, कनिका, माधुरी, डॉ.अर्चना एवं आहार विशेषज्ञ प्रज्ञा मौजूद रहे | 100 से अधिक महिलाओं को स्तनपान पर अमूल्य ज्ञान के अलावा शिशुओं के लिए विटामिन डी ड्रॉप्स बांटी गयी |
· जन्म के तुरंत बाद स्तनपान जीवनरक्षक है |
· 6 माह तक सिर्फ स्तनपान कराएं, पानी, घुट्टी, शहद या ऊपर का दूध न दें |
· स्तनपान से शिशु निरोगी और तेज दिमाग बनते |
· संतुलित आहार लें, रात में स्तनपान अवश्य कराएं |
· शिशु का वजन बढना और 24 घंटे में 6-8 बार मूत्र त्यागना उचित मात्रा में दूध होने का संकेत है |
· काम पर जाने के समय माँ अपना दूध निकल कर रखें, जो 6 घंटे तक पिला सकते |
· माँ के दूध के साथ विटामिन डी ड्रॉप्स लाभदायक है |