प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना में मेरठ आठवें स्थान पर  शहरी योजना में प्रदेश में दूसरे स्थान पर अब बच्चेका जन्म प्रमाण पत्र तभी बनेगा जब योजना में पहली और दूसरी किस्तों का लाभ ले लिया हो

मेरठ । प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत चलाये जारहे पखवाड़े में आशा कार्यकर्ताऔर एएनएम लाभार्थी महिलाओं का पंजीकरण कराने में जुटी हुई है। मेरठ में शुरूआत में ही 2७६०१ लाभार्थियों कोयोजना का लाभ मिल चुका है। पखवाडे के दौरान अब तक१३३५महिलाओं का पंजीकरण किया गया है। इस योजना में मेरठ का प्रदेश में आठवा स्थान चल रहा है। जबकि शहरी क्षेत्र में मेरठ का अभी तक स्थान दूसरा चल रहा है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पूजा शर्मा ने बताया कि उनका प्रयास हैकि सभी पात्र गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि अब बच्चेका जन्म प्रमाण पत्र तभी बनेगा जब महिला द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदनायोजना में पहली और दूसरी किस्तों का लाभ ले लिया हो।
जिला प्रोग्राम सहायक दीपक कुमार ने बताया जिले को 39553 का लक्ष्य मिला है।जिसमें से 27६०१ लाभार्थी महिलाओं को पखवाड़ाशुरू होने से पहले ही लाभ मिल चुका है जबकिइस पखवाड़े में अब तक 1३३५गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया जा चुका है पखवाड़े के समापन पांच जुलाई तक टारगेट पूरा कर लिया जाएगा।पखवाड़े में आशा कार्यकर्ताऔर एएनएम तो महिलाओं को जागरूक करने में जुटी हैं साथ हीमोबाइल वैन द्वारा भी इस योजना का प्रचार किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि इस योजना में पंजीकरण के लिये जन्म प्रमाण पत्र कार्यालय ,आशा,आंगनबाड़ीनिकटतम निजीअस्पताल से सम्पर्क किया जा सकता है। लाभार्थी महिलाओं को डीबीटी के माध्यम से राशि दी जा रहीहै।
सीएमओ डा राजकुमार ने बताया कि योजना के तहत पांच हजार रूपये की धनराशि प्रथम बार गर्भवती हुई महिला को दी जा रही है। पंजीकरण करने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किस्त के रूप में एक हजार रूपये दिये जाते हैं। प्रसव से पूर्व कम
से कम एक जांच होने पर या गर्भावस्था के छ: माह बाद दूसरी किस्त के रूप में दो हजार रूपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में दो हजार रूपये दिये जाते हैं। उन्होंने बताया कि राशि का भुगतान पात्र गर्भवती महिला के बैंक खाते में सीधे किया जाता है। खाते का आधार से लिंक होना जरूरी है। इस योजना का लाभ सभी पात्रों को मिल सके इसके लिये ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गयी है। यह सुविधा
अमीर गरीब व किसी भी जाति बंधन से मुक्त है। सभी आय वर्ग की महिलाओं कोइसमें शामिल किया गया है।महिला सरकारी कर्मचारियों को इस सुविधा का लाभ नहीं दिया जा सकता है।
उन्होंने बताया धन व जागरूकता के अभाव में अधिकांश गर्भवती महिलाएं बेहतर पोषण से वंचित रह जाती है। ऐसे लोगों के लिये सरकार ने इस योजना की शुरूआत 1 जनवरी 2017में की थी। 1 जनवरी 2017 के बाद पहले बच्चे को जन्म देने वाली माताओं को योजना का लाभ दिया जा रहाहै। इससे महिलाओं को समय पर उचित पोषण तो मिलेगा साथ ही कुपोषण और शिशु मृत्युदर में भी कमी आएगी।