पोषणयुक्त आहार खिलाकर किया अन्नप्राशन माताओं को बताया गया 6 माह के बाद बच्चों को मां के दूध के साथ आहार भी जरूरी

मुजफ्फनगर, 23 जुलाई 2019। जिले में मंगलवार को बाल विकास परियोजना के तहत आगंबाड़ी केंद्रों पर  अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 6 माह से ऊपर के बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी अर्द्ध ठोस आहार देने की जानकारी माताओं को दी गई।


जिला कार्यक्रम अधिकारी पुष्पा रानी ने बताया कि पोषण मिशन के तहत जिलें में 1964 आगंबाड़ी केंद्रों पर अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें 6 माह से ऊपर के बच्चों को आगंनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा पोषणयुक्त आहार खिलाकर अन्नप्राशन किया गया। साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी आमंत्रित कर उनको जानकारी प्रदान की गई। उन्हें बताया गया कि किस तरह उन्हें अपना औऱ होने वाले बच्चे के खाने-पीने का ध्यान रखना होगा। एक गर्भवती महिला को कैसे आहार की आवश्यकता होती है। समय-समय पर कौन-कौन से टीके महिलाओं और नवजात बच्चों लगवाये जाने हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी पुष्पा रानी ने बताया कि वैसे अन्नप्राशन दिवस हर माह 20 तारीख को मनाया जाता है, किसी कारण इस बार यह मंगलवार को मनाया गया।


सीडीपीओ सुनीता नेगी ने बताया कि सभी आगंबाड़ी केंद्रों पर कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। आगंनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को बताया जाएगा कि 6 माह तक के बच्चों को स्तनपान करना क्यों आवश्यक है। उसके पश्चात 6 माह से ऊपर हो जाने पर बच्चे को अर्द्ध ठोस आहार की भी जरूरत पड़ती है। ऐसे में कौन-कौन से आहार बच्चे को देने चाहिए। उन्होंने बताया कि आगंबाड़ी कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर महिलाओं से जुड़ी होती हैं, इसलिए उनको समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाता है। ताकि वह घर-घर जाकर माताओं को जानकारी दें और बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके।


बच्चों के बढ़ते शारीरिक विकास को देखते हुए पोषक आहार देना बहुत आवश्यक है। समय पर पोषक आहार न देने से बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। उनका शारीरिक विकास रुक जाता है। कुपोषण से बच्चों को अनेकों बीमीरी होने का डर भी बना रहता है। इसलिए 6 माह से ऊपर के बच्चे को मां के दूध के साथ ऊपरी आहार देना बहुत आवश्यक है।


सीडीपीओ ने बताया कि समय-समय पर सरकार द्वारा मां-और बच्चों के लिए योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनका लोगों को लाभ देने के लिए विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है