मेरठ/जानीखुर्द। जानीखुर्द क्षेत्र के गांव रसूलपुर धौलड़ी में राधा-कृष्ण की मूर्ति को ठगने का मामला प्रकाश में आया है। यह मूर्ति तीन किशोरों को रजवाहे में नहाते समय मिली थी। ठग रात को पुलिसकर्मी बनकर आए और लूट की मूर्ति बताकर ले गए। पूरे मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं है। ठग भी पड़ोसी गांव के बताए जा रहे हैं। घटना चर्चा का विषय बना हुआ है।
रसूलपुर धौलड़ी निवासी रईसुद्दीन का पुत्र वसीम, सुल्तान पुत्र हारून व समीर पुत्र महबूब रविवार शाम रजवाहे में नहाने गए थे। तीनों किशोरों की उम्र १० से १२ साल के बीच है। यह रजवाहा भोला की झाल से निकलकर मोदीनगर की ओर जा रहा है। बताया जा रहा है नहाने के दौरान किशोरों के पैरों में एक मूर्ति आ गई। बच्चों ने वह मूर्ति बाहर निकाली जो राधा-कृष्ण की थी। बच्चों ने वह मूर्ति फिर से रजवाहे में फेंक दी, लेकिन दोबारा फिर निकाल ली। बच्चों ने मूर्ति को बोरी में लपेटा और गांव में लेकर आ गए। बच्चों को लगा कि यह मूर्ति सोने की है, उन्होंने इसको बेचने का मन बना लिया। किसी तरह इसकी भनक वसीम के पिता रईसुद्दीन को लग गई। उसने बच्चों से वह मूर्ति ले ली और सौ-सौ रुपये देकर बच्चों को समझा दिया। बताया जा रहा है कि रात्रि में पुलिस की वर्दी पहने कुछ लोग रईसुद्दीन के घर आए और बताया कि जो मूर्ति मिली है वह दिल्ली में मर्डर के दौरान लूटी गई है। पुलिस को देख रईसु दहशत में आ गया और उसने मूर्ति को पुलिस के हवाले कर दिया।
पड़ोसी गांव के तीन युवकों पर शक
घटना के बारे में स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं है। इस बारे में रईसुद्दीन ने बताया कि मूर्ति का वजन एक किलो २०० ग्राम था और वह सोने की थी। पुलिसकर्मियों को देखकर उसे ठगी का एहसास नहीं हुआ। उसने बताया कि पड़ोसी गांव के पप्पल, शादाब और कपिल थे। जो उस वक्त पहचान में नहीं आए। चर्चा है कि मूर्ति ले जाने वाले तीनों युवकों का पुलिस के पास उठना बैठना है।
वर्जन
मामले की जानकारी उन्हें है। अगर ऐसा है तो यह गंभीर है। पूरे मामले को दिखवाया जाएगा, जो दोषी होगा उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेंगी। मूर्ति को भी बरामद किया जाएगा।
ब्रजेश शर्मा, प्रभारी निरीक्षक जानी खुर्द
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