बाराबंकी/लखनऊ।मुस्लिम बालिकाओं में बेसिक शिक्षा की समस्या के सम्बंध में दो दिवसीय सेमिनार सफ़लता पूर्वक सम्पन्न हुआ।अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अनुदानित ।प्रोग्रेसिव मिशन सर्विस द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय सेमिनार शुभम् पैलेस मुलायम नगर ,इन्दिरा नगर में 27 जुलाई से शुरू होकर 28 जुलाई को समापन हुआ । जिसकी अध्यक्षता डा. कौशल किशोर ने की । अपने अध्यक्षी भाषण में डा. कौशल किशोर ने कहा शिक्षा वास्तविक जीवन के लिए प्रशिक्षण की तरह है। प्रशिक्षण वास्तविक जीवन के अनुरूप होना चाहिये।किसी व्यक्ति का वास्तविक जीवन उसके समुदाय के मूल्यों,भरोसे के द्वारा निर्देशित होता है।इस तरह शिक्षा समाज केसामाजिक और नैतिक मूल्यों के साथ सामन्जस्य को प्रदर्शित करता है।लेकिन यदि शिक्षा प्रणाली और समाज में परस्पर विरोध हो तो ये दोनों के लिये घातक है।कार्यक्रम का कुशल संचालन इं.निज़ामुद्दीन साहब ने किया। 27 जुलाई को मुख्य अतिथि अल्पसंख्यक अधिकारी लखनऊ ने कहा संविधान में महिला और पुरूषों को समान अधिकार प्रदान किये गए हैं फिर भी साक्षरता की दृष्टि से देखा जाए तो मुस्लिम महिलाओं और लडकियों की स्थिति काफ़ी दयनीय है।विशिष्ट अतिथि तहसीलदार ने कहा भारत देश में 2.5 प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं स्नातक हैं। 28 जुलाई को मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख ने कहाअधिक तर मुस्लिम समुदाय की लड़कियां परिवार और समुदाय के दबाव में हाईस्कूल आते आते अपनी स्कूली शिक्षा छोड़ देतीं हैं।विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत राज अधिकारी ने कहा भारत सरकार मुस्लिम समुदाय की उन्नति के लिए कई प्रकार की योजनाओं का संचालन कर रही है।अध्यक्ष एम.ए. ख़ान ने कहा इस प्रकार के सेमिनार से समाज की महिलाओं और लड़कियों को जागरूक करने में काफी सहयोग मिलेगा।आगे भी इस प्रकार के सेमिनार करते रहेंगे।इस मौके पर दोनों दिन बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं एवं लड़कियों ने प्रतिभाग किया । जल पान एवं लंच पैक की भी व्यवस्था रही । मानदेय बांटने के बाद संस्था के अध्यक्ष ने सभी का आभार व्यक्त किया।
मुस्लिम बालिकाओं में बेसिक शिक्षा की समस्या के सम्बंध में दो दिवसीय सेमिनार सम्पन्न