कनेक्टिविटी को लेकर दिन भर बंद रहा रामनगर एसबीआई बैंक में लेनदेन परेशान खातेदार कोसते रहे मोदी योगी सरकार व सिस्टम को

रामनगर, बाराबंकी। शनिवार को भारतीय स्टेट बैंक रामनगर में कामकाज करीब करीब पूरी तरह दिनभर बन्द रहा। जिसको लेकर जरूरी काम से पैसा निकलवाने वालों से लेकर दूसरे जरूरी कार्यों के मद्देनजर खातेदार से लेकर दूसरे अन्य एसबीआई बैंक शाखा मुख्य द्वार के सामने भयंकर गर्मी में इंतजार को मजबूर रहे। 
देश की परंपरा अनुसार व्यापारी वर्ग के अनुसार ग्राहक को भगवान का दर्जा दिया गया है। लेकिन यह सब एसबीआई के स्टाफ के लिए बिलकुल विपरीत है। एसबीआई स्टाफ के ग्राहकों के प्रति व्यवहार को यह एक फिल्मी जुमला यानी गाने की लाईन फिट है कि मै चाहे ये करूं मै चाहे वो करूं मेरी मर्जी। शनिवार को भारतीय स्टेटबैंक शाखा रामनगर पर ''कनेक्टिविटी नही है'' का बोर्ड लगा दिया गया । और जिम्मेदार कर्मचारी बैंक के अन्दर मस्ती ले रहे थे । खाताधारक गेट खुलने का इंतजार करते गेट पर काफी देर खडे रहे है। कोई पैसा निकालने, तो कोई किताब प्रिंट करवाने, कोई खाता खोलवाने आदि तमाम जरूरतों के लिए  देवता रूपी ग्राहक  परेशान रहा। 
यदि बैंक खुलती तो कई लोगो के काम हो जाते महिलाओ को जो गेटपर खड़ी होकर इंतजार नही करना पड़ता जमीन पर नीचे बैठना नही पड़ता। यही नही बीते बृहस्पतिवार को भी कनेक्टिविटी नही का बोर्ड लग था। यह कोई पहला मामला नही है। मौजूदा शाखा प्रबन्धक ने भी पूर्व में गनेशपुर व गोबरहा के किसानों को कृषि कार्य को लेकर नोड्यूज के लिए कई चक्कर लगवाए। जिस विषय मे पूर्व में कई पेपरों में समाचार प्रकाशित भी कई बार हुआ। लेकिन जारी भ्रष्टाचार युग में नतीजा ढ़ाक के तीन पात ही हर बार साबित हुआ। जिसके कारण बैंकिग व्यवस्था बजाए सुधरने के और हासिए पर पहुंच गई है और तमाम स्टाफ बेलगाम हो स्वयं को राजा महाराजा व ग्राहक को अपना जर खरीदा गुलाम मानकर उससे पेश आता दिखाई पड़ता है। वहीं एसबीआई के तमाम ग्राहकों की मानें तो बात केवल यहीं तक नहीं है बल्कि छोटी छोटी कई जगहों पर जारी बैंकिंग प्रक्रिया ग्राहक अपने का ठगा हुआ महसूस करता है जब एक तरफ उसके खाते में जमा या ट्रासफर रकम का मैसेज नहीं आता दूसरी तरफ पता करने का प्रयास करने पर सुविधा के नाम पर बैंकिंग प्रणाली निश्चित रकम काट लेती है। यहीं हाल लगी तमाम एटीएम मशीनों में भी है जहां प्रिंटिंग सही न होने के कारण आप्शन अप्लाई करने पर एक तरफ जहां पेमंट कट जाता है वहीं दूसरी तरफ व्यवस्थाओं को सुधारने में शाखा या एसबीआई ध्यान नहीं देती है। इसी तरह एसबीआई की दूसरी ब्रांचों में पैसे के जमा करवाने व निकालने को लेकर भी तमाम नए नियम कायदे कानून अक्सर लोगों की परेशानी का सबब साबित होते हैं लेकिन उसपर शिकायत पर न तो एसबीआई प्रशासन ध्यान देता है और न ही आमजनता को बेहतर बैंकिंग सुविधाएं दिलवाने के लिए जिम्मेदार रिजर्व बैंक आफ इण्डिया हुई, लेकिन वह भी शिकायतों पर जो एसबीआई को लेकर होती हैं, ध्यान देता नहीं दिखाई देता।